Ayurveda-Dietician Advice: हर व्यक्ति जानते, बूझते हुए गलती करता है और यही बात उसके लिए घातक सिद्ध होती है। इसे आयुर्वेद में व्याधि प्रज्ञापराध कहा जाता है। प्रज्ञा यानी ज्ञान और पराध मतलब जानबूझकर अपराध करना। अपने ज्ञान का इस्तेमाल न करना। वर्तमान में यही हो रहा है। हर कोई जानता है उसे क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। इसके बावजूद वह अनापशनाप कुछ भी खाता है, जो रोगों को बढ़ाने का मुख्य कारण है।
आयुर्वेद कालेज बिलासपुर के डॉ.अखिलेश शुक्ला कहते हैं कि देर तक न जागें, सुबह जल्दी उठें, योग, प्राणायाम करें, लेकिन इसमें लापरवाही बरती जा रही है। आयुर्वेद के सूत्रों आहार, विचार, व्यवहार, दिनचर्या का पालन सही हो तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है। वायरस तो आते, जाते रहेंगे। आज कोरोना है, कल कोई और वायरस आएगा। ऐसी बीमारियों से बचना स्वयं मनुष्य के हाथ में हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पौष्टिक आहार का सेवन करें। जो चीजें पेट खराब करें उसका त्याग करें।
मिर्च, मसाला, बेसन, मैदा, पिज्जा, बर्गर आदि से बचें। रसोईघर में रखी एंटी वायरल चीजें हल्दी, हींग, जीरा, अजवाइन, सौंठ, कालीमिर्च का काढ़ा अथवा चाय में उबालकर पीएं। हल्दी दूध रात में लें। घर में कपूर, धूप, लोभान जलाएं। सुबह और रात को नीम की डंढल से दातून, मंजन करें। गर्म पानी पीएं। सफेद नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।
विटामिन सी वाला नींबू, आंवला रोज लें
डायटिशियन डॉ. नफीसा कहती हैं कि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन, प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना चाहिए। इससे शरीर स्वस्थ रहता है। सबसे सस्ता और भोजन को पचाने में सहयोगी नींबू को भोजन में अवश्य शामिल करें। दाल, सब्जी और सलाद में नींबू का रस निचोड़े।
दिन में कम से कम दो बार गर्म पानी में नींबू का रस, सेंधा नमक डालकर पीएं। साथ ही आंवला, खजूर, अखरोट, मूंगफली प्रतिदिन खाएं। इससे शरीर को पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन की प्राप्ति होती है। शरीर में रक्त का संतुलन सहीं रहें इसलिए पपीता, पत्तेदार सब्जिया, मौसंबी का रस सुबह-शाम पीना चाहिए। हाजमा दुरूस्त रखने के लिए गरम पानी पीएं। रसोईघर में इस्तेमाल होने वाली चीजों के सेवन से शरीर को स्वस्थ रखा जाता सकता है।
उन्होंने कहा कि जीरा, हींग का छौंका दाल में लगाएं। बेसन, मैदा की चीजों से परहेज करें और टमाटर, करेला, लौकी, भिंडी, गोभी, पालक, मेथी की सब्जी का सेवन करें। न ज्यादा नमक खाएं और न ज्यादा शक्कर। दोनों में संतुलन होना जरूरी है। मोटापा न बढ़े इसलिए ग्रीन टी, काली चाय में लौंग, इलायची, सोंठ, दालचीनी, कालीमिर्च के मिश्रण से बना पाउडर डालकर पीएं।