सोमवार लगभग आधी रात से मंगलवार देर शाम कटेहरी, जलालपुर, बेवाना व मालीपुर क्षेत्र के 150 से अधिक गांवों के उपभोक्ताओं को तकनीकी गड़बड़ी के चलते सुचारु बिजली नहीं मिल सकी। इससे लगभग 33 हजार आबादी प्रभावित हुई।
महरुआ फीडर से जुड़े आदमपुर तिंदौली, किशुनीपुर सरखने, पांती, मंथापुर, बरामदपुर जरियारी, सारंगपुर समेत लगभग 20 गांवों की आपूर्ति फीडर में आई तकनीकी खराबी के चलते रविवार देर रात्रि ठप हो गई। मंगलवार देर शाम तक आपूर्ति पूरी तरह बहाल नहीं हो पाई थी।
जलालपुर के सुरहुरपुर क्षेत्र में एक पिकअप द्वारा विद्युत पोल को क्षतिग्रस्त कर दिए जाने व तार टूटने से सोमवार आधी रात से विद्युत आपूर्ति ठप पड़ गई। लगभग आठ हजार आबादी इससे प्रभावित हुई। यहां मंगलवार शाम तक उपभोक्ताओं को बिजली मिल नहीं पाई थी।
इसी प्रकार बेवाना व मालीपुर क्षेत्र में कहीं जर्जर तार टूटने तो कहीं फीडर में आई खराबी के चलते सोमवार देर शाम से मंगलवार शाम तक बिजली आपूर्ति का संकट बना रहा। नतीजा यह रहा कि संबंधित क्षेत्र के उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक समस्या पेयजल को लेकर उत्पन्न हुई।
जो लोग टुल्लू पंप के सहारे थे, उन्हें एक-एक बाल्टी पानी के लिए घर के बाहर लगे हैंडपंपों का सहारा लेना पड़ा। महरुआ के लालजी व संतोष ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब तक जर्जर हो चुके उपकरणों को नहीं बदला जाता, सुचारु बिजली नहीं मिल सकती। इसे देखते हुए पावर कारपोरेशन को तत्काल ठोस कदम उठाते हुए जर्जर उपकरणों को बदलवाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
मालीपुर के छोटेलाल व मोहम्मद अनीस ने कहा कि सिर्फ दावा करने से कुछ होने वाला नहीं है। इसके लिए पावर कारपोरेशन को ठोस कदम उठाना होगा। बेवाना के शंखलाल व रामसमुझ ने कहा कि जर्जर उपकरणों को न सिर्फ अविलंब बदला जाए, बल्कि ओवरलोडेड चल रहे ट्रॉसफार्मरों की क्षमता भी बढ़ाई जाए।
पावर कार्पोरेशन के अधिशाषी अभियंता मुकेश बाबू ने बताया कि जो बिजली मिल रही है, उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जा रही है। कई क्षेत्रों में जर्जर उपकरणों को बदला जा चुका है तो कई क्षेत्रों में कार्य चल रहा है। कई जगहों पर आई गड़बड़ियों को दुरुस्त करा दिया गया है।