सरकार भले ही परिषदीय विद्यालयों की दशा व दिशा सुुधारने के प्रयास में हो, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता कहीं न कहीं उसके प्रयासों को विफल साबित कर रहे हैं। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि परिषदीय विद्यालयों का प्रयोग कोई व्यक्ति अपने निजी उपयोग में नहीं कर सकता।
इसके बावजूद उच्च प्राथमिक विद्यालय सोनहरा में करीब एक माह से बिजली विभाग के एक ठेकेदार व उसके सहयोगियों का कब्जा बना हुआ है। विद्यालय के एक कक्ष में विद्युत कार्य से जुड़े मजदूरों का कब्जा है, तो दूसरे कमरे में विद्युत के उपकरण रखे गए हैं। यही नहीं पढ़ाई के समय भी मजदूर परिसर में ही चारपाई डाल कर खर्राटे लेते रहते हैं।
मनमानी का आलम यह भी कि बच्चों की कक्षाएं चलती रहती हैं, और परिसर में ही ट्रैक्टर ट्राली से दिनभर सामनों की ढुलाई जारी रहती है। ट्रैक्टर के आवागमन से एक तरफ जहां पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न होता रहता है, वहीं दूसरी तरफ बच्चों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बना रहता है।
सोनहरा ग्राम पंचायत के पुरवे शुकलहिया के मदन शुक्ल ने मामले की शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी समेत जिला प्रशासन से भी की है। प्रधानाध्यापक घनश्याम तिवारी ने बताया कि उन्होंने आपत्ति जतायी, लेकिन ठेकेदार ने सरकारी काम का हवाला देकर कुछ सामान रख दिया है। बीएसए जेएन सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं हैं। खंड शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मंगाई जा रही है।