गुरु रविदास के जन्मोत्सव में भाग लेने के लिए सीर गोवर्धनपुर में देश-विदेश के लाखों भक्तों की जुटान होने से संत रविदास की जन्मस्थली में रैदासियों का महाकुंभ नजर आ रहा है। सड़कों पर सैकड़ों दुकानें, मेला क्षेत्र में ध्वनि विस्तारक यंत्र पर संत रविदास की वाणी की गूंज, हर प्रांत के भक्तों की चहलकदमी, बड़े-बड़े पंडाल कुंभ मेले सा नजारा पेश कर रहे हैं। सीर गोवर्धनपुर स्थित संत रविदास मंदिर से आगे तकरीबन तीन किलोमीटर की दूरी में बसे मेला क्षेत्र में गुरुवार को सुबह से ही भक्तों का रेला देखते बन रहा था। सद्गुरु के दरबार में मत्था टेकने व संत निरंजन दास से आशीर्वाद लेने के लिए सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लग गई। मंदिर में प्रवेश के पूर्व सुरक्षा व्यवस्था में तन्मयता के जुटे सेवादार प्रत्येक भक्त की तलाशी लेने के बाद उन्हें अंदर जाने दिया। मंदिर के अंदर भक्तों ने संत रविदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के उपरांत शीश नवाते रहे।
इसके उपरांत मंदिर में ही सिंहासन पर विराजमान सचखंड बल्ला डेरा के गद्दीनशीन व श्रीगुरु रविदास जन्मस्थान पब्लिक चैरिटेबुल ट्रस्ट के चेयरमैन संत निरंजन दास महाराज का दर्शन कर उनसे आशीर्वाद लेते रहे। दर्शन-पूजन का क्रम सुबह से रात तक मंदिर बंद होने के समय तक चलता रहा। इस दौरान फूल-मालाओं से संत की प्रतिमा का शृंगार भी किया गया था। दर्शन-पूजन के पश्चात विभिन्न प्रांतों से आए भक्त मेला क्षेत्र में चक्रमण कर दुकानों से खरीदारी करने में तल्लीन दिखे।
कोई चूड़ी, बिंदी व साडिय़ों की खरीदारी करते दिखा तो बच्चे खिलौने व खाने-पीने की वस्तुओं को देख मचलते रहे। मेला क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने में जुटे सैकड़ों सेवादार सीटी बजाकर लोगों को सचेत करते रहे। कई स्थानों पर लोग स्टाल लगाकर भक्तों को चाय, पानी उपलब्ध कराते रहे। विभिन्न प्रांतों से आए सामाजिक संस्थाओं के लोगों ने जगह-जगह लंगर चलाकर भक्तों को भोजन ग्र्रहण कराया। शाम ढलते ही मेला क्षेत्र जगमगा उठा। रिहायशी पंडालों में भजन-कीर्तन के साथ ही समूह में बैठकर लोग संत रविदास के विचारों को एक-दूसरे के साथ साझा करते दिखे। क्षेत्र में कई स्थानों पर संत रविदास की प्रतिमाएं रखकर विभिन्न संस्थाओं के संत व भक्त भजन-कीर्तन करते रहे।
पंजाब पुलिस ने संभाली व्यवस्था
सीर गोवर्धन में संत रविदास की जयंती पर लगे मेले में सुरक्षा व्यवस्था की कमान पंजाब पुलिस के हाथों में थी। पंजाब के अवकाश प्राप्त डीएसपी रामप्रकाश वहां के सुरक्षाकर्मियों के साथ रविदास मंदिर समेत मुख्य सत्संग स्थल व रिहायशी पंडालों की सुरक्षा पर नजर गड़ाए दिखे। इस दौरान स्थानीय पुलिस की संख्या काफी कम दिखी। जो थे वे भी मूकदर्शक बने रहे। सुरक्षा को लेकर मंदिर के समीप बनाए गए पुलिस कंट्रोल रूम में चूड़ी व खिलौने की दुकानें सजी रहीं।
लोकनृत्य से बिखरे विभिन्न प्रांतों के रंग
मेले में पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान व हिमाचल से आए कलाकारों के समूह द्वारा जगह-जगह पारंपरिक वेशभूषा में लोकनृत्य की प्रस्तुति की जा रही थी जो रैदासियों के साथ ही स्थानीय लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे।
अद्भुत सेवाभाव
संत रविदास की जन्मस्थली में आयोजित जन्मोत्सव में शामिल होने व सेवा करने के उद्देश्य से आए दर्जनों सेवादारों ने मेला क्षेत्र में जगह-जगह बैठकर राह से गुजरने वालों के जूते व चप्पल पर पालिश कर अपनी सेवा दी।
इमली के पेड़ के नीचे कर रहे पूजन-अर्चन
सीर गोवर्धन स्थित ऐतिहासिक इमली के पेड़ के नीचे गुरु रविदास के चित्र को सजाकर रखा गया है। विभिन्न स्थानों से आए रैदासी भक्त यहां पर माला-फूल चढ़ाकर दर्शन करने के साथ ही पूजा-पाठ भी कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि इसी इमली के पेड़ के नीचे बैठकर संत रविदास भजन-कीर्तन संग अपना कर्म करते थे।
छुट्टा पशुओं से हो रही दिक्कत
मेला क्षेत्र में छुïट्टा व घुमंतू पशुओं को लेकर लोग काफी परेशान हो रहे हैं। ग्र्रामीण क्षेत्र होने के कारण सांड़, गाय, कुत्ते समेत अन्य मवेशी दिनभर सड़क पर विचरण करते रहते हैं जिससे भक्तों में भय बना रह रहा है।
मेला क्षेत्र में गूंजे ढोल-नगाड़े
संत रविदास के जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर गुरुवार की शाम मेला क्षेत्र में ढोल व नगाड़े की थाप पर रैदासी भक्त उत्साह के साथ नृत्य की प्रस्तुति करते रहे। इस दौरान लोगों में काफी उत्साह दिखा।
रविदास मंदिर में सजा दीवान
श्रीगुरु रविदास जन्मस्थान पब्लिक चैरिटेबुल ट्रस्ट के चेयरमैन संत निरंजन दास ने गुरुवार की सुबह रविदास मंदिर में दीवान सजाया तथा देश-विदेश से आए भक्तों को दर्शन-पूजन के साथ ही आशीर्वाद दिया। विदेशी एनआरआइ भक्त द्वारा दान में दी गई रोटी बनाने की मशीन का उद्घाटन भी संत निरंजनदास ने किया। जालंधर से भक्तों द्वारा लाई गई चांदी की पालकी को मंदिर में सुशोभित कर उस पर संत रविदास के चित्र को सजाया गया। शुक्रवार को सत्संग पंडाल में इसी पालकी को मंच पर सजाकर संत रविदास के चित्र को सुशोभित कर इसे मंदिर को प्रदान किया जाएगा। श्रीगुरु रविदास जन्मस्थान पब्लिक चैरिटेबुल ट्रस्ट के मुख्य सचिव सतपाल विर्दी ने बताया कि इस बार अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, फ्रांस, ग्रीस, आस्ट्रिया, इटली, जर्मनी, हालैंड, न्यूजीलैंड व अरब कंट्री की संगतों के साथ ही जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उड़ीसा, झारखंड व आंध्र प्रदेश के साथ ही यूपी के विभिन्न जिलों से संगतें पहुंची हैं। एनआरआइ भक्तों को शहर के विभिन्न होटलों व धर्मशालाओं में ठहराया गया है। विभिन्न प्रांतों के भक्तों के लिए साठ रिहायशी पंडाल बनाए गए हैं। इसमें एक पंडाल में 1200 से 1500 रैदासी भक्तों को ठहराया गया है। मंदिर के आस-पास के भवन भी भक्तों से भरे पड़े हैं।