नई दिल्ली| नकली उत्पाद से न सिर्फ उद्योग, सरकार को नुकसान होता है, बल्कि बड़ी संख्या में आम आदमी को इससे जूझना पड़ता है। यह प्रसन्नता की बात है नकली उत्पादों के बाजार से लड़ाई के मुद्दे पर उद्योग एकजुट है। यह बातें सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के सचिव बी. के प्रसाद ने यहां नकली उत्पादों के खिलाफ बुधवार से शुरू हुए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन व प्रदर्शनी ‘ऑथेंटिकेशन फोरम 2017’ में कही।
नकली उत्पाद
प्रसाद ने कहा कि ऑथेंटिकेशन फोरम 2017 एक सराहनीय कदम है। फोरम के पहले दिन होलोग्राम बनाने की भारत की अग्रणी होलोस्टिक इंडिया लिमिटेड ने ‘लेन्टीकूलर’ नामक एक तकनीक भारत में पहली बार लांच किया है, जिसके जरिये नकली नोटों से लड़ने में मदद मिलेगी।
होलोस्टिक इंडिया के दिवाकर महेन्द्रू ने बताया, “सुरक्षा के मामले में ‘लेन्टीकूलर’ तकनीक को मात दे पाना खासा मुश्किल है। असल में इसी तकनीक का इस्तेमाल अमेरिका 100 डॉलर के नोट को छापने में करता है। हमें इस तकनीक को भारतीय बाजार में लेकर आने में बेहद खुशी होगी।”
नकली उत्पादों की गंभीर समस्या के समाधान के लिए एक सकरात्मक कदम के रूप में एस्पा व मैसे फ्रैंकफर्ट इंडिया ने ऑथेंटिकेशन सोल्यूशन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन व प्रदर्शनी ‘ऑथेंटिकेशन फोरम 2017’ का आयोजन किया है। इस फोरम का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाने और देश में नकली उत्पादों की समस्या का विश्लेषण करने के लिए उद्योग हितधारकों और निर्णय निकायों को एक साथ एक मंच पर लाना है।
ऑथेंटिकेशन सोल्यूशन प्रोवाइडर एसोसिएशन के अध्यक्ष यू.के. गुप्ता ने बताया, “हमारी इंडस्ट्री इन समस्याओं को जड़ से उखाड़ने मंे सरकार की मदद कर सकती हैं। जालसाजी घटने से कारोबार बढ़ेगा, जिससे सरकार को भी अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी। नकली उत्पादों से अर्जित पैसे को अक्सर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक गतिविधियों की फंडिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए नकली उत्पादों में कमी करने से इस तरह के आपराधिक गतिविधियों को कम करने में बढ़ावा मिलेगा।”