मन में सच्ची लगन हो तो सफलता अवश्य मिलती है। बड़े काम दुष्कर जरूर होते हैं किंतु ठान लेने पर असंभव बिल्कुल नही होते। बात जब विश्व रिकार्ड बनाने की हो तो बड़े जज्बे की जरूरत होती ही है। ऐसा ही जज्बा दिखाया है जानकी प्रसाद इंटर कालेज, कछौना के विद्यार्थियों ने। पर्यावरण संरक्षण पर लगभग साढ़े सात हजार मीटर लंबा निबंध लिखकर ब्रिटेन के रिकार्ड को तोडऩे के बिल्कुल नजदीक पहुंच गए हैं। जी हां, गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने के लिए 1156 छात्रों ने 30 जनवरी से चार फरवरी तक प्रतिदिन चार घंटे के समय में कुल 24 घंटे में 7327 लंबे कागज के रोल पर निबंध लिखा। अब गिनीज बुक की टीम इसका निरीक्षण करने आएगी। विश्व रिकार्ड हरदोई के बच्चों के नाम हो जाने की प्रबल संभावना है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आए बच्चों ने न केवल अनोखी पहल की है बल्कि विश्व में हरदोई का नाम रोशन करने की मुहिम भी चलाई है। बच्चों ने निबंध के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति दी। विद्यालय के प्रधानाचार्य शिवराज पटेल ने बताया कि रोल बिना जोड़ के आर्डर से मंगाया गया था। उन्होंने बताया कि बच्चों ने लिखा कि भारत कृषि प्रधान देश है और किसानों के पास जमीन भी काफी है। सरकार को ऐसा कानून लाना चाहिए जिससे कि हर खेत में पेड़ लगाए जाएं। वहीं बच्चों ने जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण पर रोकथाम के लिए कड़े कानून बनाने पर जोर दिया। निबंध में बच्चों ने लिखा कि किस तरह से पर्यावरण का संरक्षण हो सकता है। पर्यावरण के दुश्मन कौन -कौन हैं और इनसे कैसे निपटा जा सकता है। प्रधानाचार्य ने बताया कि रविवार को विश्व रिकार्ड के चीफ फाउंडर पवन सोलंकी निबंध का अवलोकन करेंगे। बताया जाता है कि संसार के सबसे लंबे पत्र लिखे जाने का विश्व खिताब अब तक ब्रिटेन के पास 4800 मीटर लंबा पत्र लिखे जाने का विश्व खिताब था। जिसे राष्ट्रीय स्टेशनरी वीक डे 2015 में हैलन रिचर्डसन की देखरेख में नौ विद्यालयों के छात्रों 27 अप्रैल से तीन मई 2015 में लिखा था, जो 2016 में गिनीज बुक में दर्ज किया गया। विद्यार्थियों का कहना है कि उन्हें ऐसा करने की प्रेरणा खासतौर पर प्रधानाचार्य शिवराज पटेल से मिली।
इंटरनेट से मिली प्रेरणा
पर्यावरण संरक्षण पर निबंध लिखकर विश्व रिकार्ड तोडऩे के बारे में पूछने पर संबंधित स्कूल के उप प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार ने बताया कुछ दिन पूर्व इंटर की कक्षा में बच्चों से परिचर्चा हो रही थी कि कुछ ऐसा अच्छा किया जाए जिससे विद्यालय के साथ ही बच्चों का पूरे नाम रोशन हो। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2016 के पहले सप्ताह में विद्यालय के बच्चों ने 220 मीटर लंबा कैंसर के संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र भेजा था। उसी पर विचार किया गया कि क्यों न विश्व का सबसे बड़ा पत्र लिखा जाए। उप प्रधानाचार्य ने बताया कि नेट पर सर्च किया गया तो ब्रिटेन का सबसे बड़ा पत्र मिला और उसी का रिकार्ड तोडऩे का निर्णय लिया गया। पर्यावरण देश और समाज की जरूरत है, इसलिए इसे चुना गया और फिर बच्चों की मदद से निबंध लिखा गया।