मऊ में 14 मदरसों की मान्यता निरस्त, 13 की मान्यता निलंबित

 उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के दिशा निर्देशों की अनदेखी करना मऊ जिले में संचालित मदरसों को भारी पड़ गया है।  जांच समितियों की रिपोर्ट पर 14 मदरसों की मान्यता निरस्त कर दी गई है जबकि 13 मदरसों की मान्यता निलंबित कर दी गई है।madarasa_1486041332
 
अगस्त 2016 में सचिव अल्पसंख्यक उ.प्र.शासन ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर जिले के सभी मदरसों की जांच करने के  निर्देश दिए थे। इस क्रम में गठित जांच समितियों को जिले की 286 मदरसों की जांच सौंपी गई। जांच समितियों ने इनमें से 232 मदरसों की जांच किया।
जांच समितियों की रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली थी। इनमें कई मदरसे मान्यता वाले स्थानों की बजाए अन्यत्र चलते पाए गए।
प्रबंधकों ने मान्यता मदरसे की ले रखी है जबकि इन मदरसों में कान्वेंट स्कूल चल रहे थे। लखनीमुबारकपुर गांव में दो मदरसों में ताले बंद मिले। कुछ मदरसों में अध्यापक तो थे लेकिन छात्र ही नहीं थे।
सबसे अधिक अनयमितता मुहम्मदाबाद गोहना तहसील क्षेत्र सैयदवाड़ा, सिगाड़ी, फरीदपुर धरमा आदि गांवों में चल रहे मदरसों में मिली। यहां पर पांच मदरसे मान्यता की शर्तों के विपरीत चलते हुए पाए गए।
मधुबन तहसील क्षेत्र में भेड़कुल सुल्तानपुर में भी एक मदरसा कान्वेंट के रूप से चलता पाया गया। जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने मान्यता की गाइड लाइन के विपरीत चलने वाले 14 मदरसों की मान्यता समाप्त कर दिया है। जबकि 13 मदरसों की मान्यता निलंबित की गई है।
जांच के दौरान तीन मदरसा प्रबंधकों ने मान्यता संबंधी अभिलेख  जांच समितियों को नहीं दिखाए। मदरसे की मान्यता लेकर कान्वेंट स्कूल चलाने वाले छह मदरसों की मान्यता समाप्त कर दी गई है।
14 मदरसों की जांच रिपोर्ट अभी तक समितियों ने नहीं दिया है।
 
 

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