केंद्र की मोदी सरकार ने एक नया झटका दिया है। उन्होंने सरकारी गल्ले की दुकान से मिलने वाली सस्ती चीनी पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है। इससे कम रेट पर मिलने वाली चीनी के दिन लद गए हैं।चीनी पर मिलने वाली सब्सिडी से सरकार ने खींचे हाथ
खबर मिली है कि केंद्र सरकार अगले साल से राज्यों को 18.50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दी जाने वाली सब्सिडी प्रदान नहीं करेगी। सरकार ने पहले के दावों के निपटान के लिए बजट में केवल 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
बजट में की घोषणा
संसद में पेश किये गये वर्ष 2017-18 के केन्द्रीय बजट में सरकार ने पीडीएस चीनी सब्सिडी योजना के तहत बकाया दावों के भुगतान के लिए 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जबकि चालू वित्तवर्ष के लिए बजट आवंटन 4,500 करोड़ रुपये है।
गरीबों को लगा जोर का झटका
मौजूदा योजना के अनुसार राज्य सरकारें सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी राशन की दुकानों के लिए चीनी खुले बाजार से थोक दर से खरीदती हैं और उसे प्रतिकिलो 13.50 रपये की सब्सिडी प्राप्त दर पर बेचती हैं। केन्द्र सरकार राज्यों को 18.50 रपये प्रति किलो के हिसाब से सब्सिडी देती है।