उपभोक्ताओं की तमाम शिकायत व नाराजगी के बाद भी विभाग लचर व्यवस्था को सुधार पाने की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। विभागीय उदासीनता के चलते ही एक बार फिर बड़ा हिस्सा लगभग 16 घंटे से विद्युत आपूर्ति से वंचित रहा।
दरअसल जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार शाम से कहीं ट्रांसफार्मर तो कहीं अन्य उपकरणों के खराब होने के चलते लगभग 40 हजार आबादी अंधेरे में डूब गई। जिला मुख्यालय के मीरानपुर व मुरादाबाद जैसे मोहल्ले में आपूर्ति तकनीकी गड़बड़ी के चलते ठप रही।
इसके चलते लगभग 10 हजार आबादी को जहां अंधेरे में रहने को विवश होना पड़ा, वहीं पेयजले संकट से भी लोगों को जूझना पड़ा। अकबरपुर उपकेंद्र से जुड़े बनगांव रोड स्थित कई गांवों में आपूर्ति बाधित होने से 10 हजार आबादी विद्युत से महरुम रही। भीटी में 4 ट्रांसफार्मरों की खराबी के चलते करीब 5 हजार आबादी को शुक्रवार पूरी रात बिजली नहीं मिल पायी।
ग्रामीणों के मुताबिक उनके ट्रांसफार्मर लम्बे समय से ओवरलोड हैं। क्षमता वृद्धि की मांग की जा रही है, लेकिन इस तरफ कोई ध्यान देने वाला नहीं है। महरुआ, कटेहरी, टांडा व जलालपुर आदि उपकेन्द्रों से जुड़ी करीब 15 हजार आबादी को भी ट्रांसफार्मरों की खराबी के कारण शुक्रवार अपराह्न से लेकर शनिवार को पूरे दिन बिजली से वंचित रहना पड़ा।
पावर कॉर्पोरेशन के अधिशाषी अभियंता मुकेश बाबू ने बताया किट्रांसफार्मरों की उपलब्धता लगातार तय की जा रही है। पहले से स्थिति काफी बेहतर हुई है। अधिकांश क्षेत्रों में आपूर्ति बहाल भी की जा रही है। ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्घि भी क्रमवार सुनिश्चित कराई जा रही है।