इस दौरान पुलिस और ट्रैफिक विभाग की टीम ने स्कूल वाहनों के चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी के फिटनेस के कागजात, फर्स्ट एड बाक्स की जांच की। कई बसों में फर्स्ट एड बाक्स नहीं मिला तो कई वाहनों के कागजात दुरुस्त नहीं थे। सात स्कूल के वाहन चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। इनके वाहनों के कागजात भी अधूरे पाए गए।
चालक के पास डीएल और कागजात अधूरे पाए जाने पर उन्हें सीज कर दिया गया। इसके अलावा, ओवरलोड छात्रों को भरकर छह ऑटो रिक्शा पकड़े जाने पर उनका चालान किया गया। शहर के कुछ बड़े प्राइवेट स्कूल की बसों की चेकिंग के दौरान सभी में फर्स्ट एड बाक्स तो मौजूद मिले लेकिन दो गाडिय़ों के मेडिकल कीट की दवाएं एक्सपायर थी।
इन दवाओं को नष्ट कर नई दवाएं रखने की चेतावनी दी गई। चेकिंग के दौरान खामियां पाए जाने पर 52 स्कूलों के छोटे-बड़े वाहनों का चालान किया गया। जबकि 18 वाहनों से 42 सौ रुपये का जुर्माना वसूला गया। एक स्कूली बस में क्षमता से अधिक छात्र-छात्राएं बैठने पर पुलिस चालक को चेतावनी देकर छोड़ दिया।