Mimi Movie Review: कुछ खास नहीं है कृति सेनन की ‘मिमी’, पंकज त्रिपाठी भी नहीं कर पाए इम्प्रेस

फिल्म: मिमी
निर्देशक: लक्ष्मण उतेकर
मुख्य कास्ट:  कृति सैनन, पंकज त्रिपाठी, मनोज पहवा ,सुप्रिया पाठक, सई तम्हाणकर
अवधि: 2 घंटे 13 मिनट

कृति सेनन और पंकज त्रिपाठी की फिल्म ‘मिमी’ के ट्रेलर देखकर इसकी कहानी का अंदाजा लग गया था। फिल्म देखकर लग रहा है कि सरोगेसी फिल्में आज भी सलमान खान की फिल्म ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’ से आगे नहीं बढ़ पाईं। फिल्म 30 जुलाई को रिलीज होनी थी लेकिन लीक होने की खबरों के बाद इसे 26 जुलाई को ही रिलीज करना पड़ा। 

हंसाने में नहीं हुए कामयाब, बढ़ा कन्फ्यूजन

फिल्म में कृति सेनन राजस्थान के एक छोटे कस्बे की खूबसूरत सी डांसर हैं। मिमी बॉलीवुड स्टार बनने का ख्वाब देखती है। उसे अपना सपना तब साकार होता दिखता है जब वह अमेरिकी कपल से मिलती है। इस कपल को किसी ऐसी इंडियन लड़की की तलाश होती है जो उनके बच्चे को सरोगेसी से जन्म दे सके। पंकज त्रिपाठी इस कपल के ड्राइवर भानु के रोल में हैं। डब्बू रत्नानी से पोर्टफोलिया बनवाने के लिए मिमी को रुपयों की जरूरत होती है। भानु मिमी को 20 लाख रुपये में बच्चा पैदा करने के लिए राजी कर लेता है। इस डील के तहत मिमी प्रेग्नेंट हो जाती है। अपने मां-बाप से ये राज छिपाने के लिए पंकज त्रिपाठी और कृति सेनन मुस्लिम कपल बनकर दोस्त (सई तम्हणकर) के घर रहने चले जाते हैं। कहानी के बीच पंकज त्रिपाठी से लेकर मनोज पहवा तक कॉमिक सिचुएशन क्रिएट करने की कोशिश की है हालांकि कामयाब नहीं हुए। झूठ और सीक्रेट्स से फिल्म में काफी कन्फ्यूजन भी क्रिएट हुए हैं।  

कॉमेडी के बजाय ट्रैजिडी ने बांधा


फिल्म थोड़ी सी देखने लायक तब होती है जब इसमें ट्रैजिडी शुरू होती है। अमेरिकी कपल बच्चा पैदा करने का फैसला बदल लेता है लेकिन मिमी प्रेग्नेंट हो चुकी होती है। मिमी को बच्चे से अटैचमेंट हो जाता है और वह इसे जन्म देने का फैसला करती है। वह अपनी डर की वजह से अपने पेरेंट्स से झूठ बोल देती है कि बच्चा भानु का है। 


कृति सेनन नहीं लगीं कन्विंसिंग

राजस्थानी लड़की के रोल में कृति सेनन कन्विंसिंग नहीं दिखी हैं। उनके बालों के हाइलाइट्स और एक्सेंट साउथ दिल्ली की लड़की की याद दिलाता है। फिल्म के कुछ सीन्स में उन्होंने बेहतरीन इमोशन दिए हैं जैसे एक सीन में मिमी अपने बच्चे को पहली बार गोद में लेती है, उस वक्त कैमरा उनके चेहरे पर होता है और आंख से एक आंसू टपकता है। इस सीन में न ज्यादा रोना-धोना है और न हीं बेमतलब की हंसी। एक इमोशन कन्वे होता है कि अब मिमी की जिंदगी पहले की तरह नहीं रहेगी। फिल्म का स्क्रीनप्ले थोड़ा टाइट होता तो बेहतर होता। कई जगह आप बोर होने लगेंगे। कहानी और सीन्स अच्छी तरह लिखे जाने की जरूरत महसूस होगी। 

देखें या नहीं

आप पंकज त्रिपाठी, मनोज पहवा, सुप्रिया पाठक और सई तम्हणकर जैसी कास्ट से बहुत ज्यादा उम्मीदें लगाकर फिल्म देखने बैठेंगे तो निराशा हाथ लगेगी। हालांकि आप कृति सेनन के फैन हैं तो फिल्म देख सकते हैं। 

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