किन्नौर हादसा: दीपा शर्मा ने मौत से पहले पोस्ट की थी यह तस्वीर, प्रकृति को बताया था सबकुछ

जीवन अनिश्चितताओं से भरा हुआ है…यह कहते हुए कई लोगों को सुना है। कई बार हम खुद ही यह महसूस करते हैं। जयपुर की दीपा शर्मा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। 34 वर्षीय दीपा ने रविवार को दोपहर 12 बजकर 59 मिनट पर हिमाचल के नागास्टी पोस्ट से अपनी एक तस्वीर ट्वीट की और आधा घंटा भी नहीं गुजरा था कि दोपहर 1 बजकर 25 मिनट पर हिमाचल में भू-स्खलन की खबर आई। इस हादसे में नौ लोगों की मौत हुई, जिनमें से एक दीपा शर्मा भी थीं।दीपा शर्मा के ट्वीट के बाद ही  खबर आई कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के चितकुला से सांगला जा रहे पर्यटकों को ले जा रहे टेम्पो पर एक बड़ा पत्थर गिर गया। नौ लोगों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक पीड़ित के परिवार के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता की घोषणा की है।ट्विटर पर दीपा शर्मा के कई प्रशंसक मौजूद हैं, जो उनकी मौत स बेहद दुखी हैं और शोक व्यक्त कर रहे हैं। अपने ट्वीटर में दी गई जानकारी के अनुसार दीपा शर्मा एक आयुर्वेद की चिकित्सक क्लीनिकल न्यूट्रिशिनिस्ट और एक लेखिका थीं. उनकी पर्सनल वेबसाइट के मुताबिक उन्हें फोटोग्राफी, यात्रा करना और नए लोगों से मिलना बेहद पसंद था।

जीवन अनिश्चितताओं से भरा हुआ है…यह कहते हुए कई लोगों को सुना है। कई बार हम खुद ही यह महसूस करते हैं। जयपुर की दीपा शर्मा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। 34 वर्षीय दीपा ने रविवार को दोपहर 12 बजकर 59 मिनट पर हिमाचल के नागास्टी पोस्ट से अपनी एक तस्वीर ट्वीट की और आधा घंटा भी नहीं गुजरा था कि दोपहर 1 बजकर 25 मिनट पर हिमाचल में भू-स्खलन की खबर आई। इस हादसे में नौ लोगों की मौत हुई, जिनमें से एक दीपा शर्मा भी थीं।दीपा शर्मा के ट्वीट के बाद ही  खबर आई कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के चितकुला से सांगला जा रहे पर्यटकों को ले जा रहे टेम्पो पर एक बड़ा पत्थर गिर गया। नौ लोगों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक पीड़ित के परिवार के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता की घोषणा की है।ट्विटर पर दीपा शर्मा के कई प्रशंसक मौजूद हैं, जो उनकी मौत स बेहद दुखी हैं और शोक व्यक्त कर रहे हैं। अपने ट्वीटर में दी गई जानकारी के अनुसार दीपा शर्मा एक आयुर्वेद की चिकित्सक क्लीनिकल न्यूट्रिशिनिस्ट और एक लेखिका थीं. उनकी पर्सनल वेबसाइट के मुताबिक उन्हें फोटोग्राफी, यात्रा करना और नए लोगों से मिलना बेहद पसंद था।लैंडस्लाइड में अपनी जान गंवाने के एक दिन पहले उन्होंने अपनी एक फोटो पोस्ट की थी जिसमें उन्होंने लिखा था. प्रकृति के बिना जीवन कुछ भी नहीं है।

अपनी वेबसाइट के अनुसार, वह एनजीओ के सहयोग से लोगों की मदद करने के लिए सामाजिक कार्यों में लगी हुई हैं। उन्होंने लिखा था, “मैंने उन महिलाओं को शिक्षित किया जो अपने अधिकारों और विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक नहीं हैं, महामारी के दौरान, मैं गैर सरकारी संगठनों और सरकार के समर्थन से कई परिवारों को भोजन, महिला स्वच्छता, चिकित्सा उपचार और बुनियादी आवश्यकताओं के साथ मदद कर रही हूं।” 

अगस्त 2020 में दीपाने अपने ट्वीटर पर लिखा था, “मैं आईएएस/आईपीएस, आईआईएम, आइवी लीग स्कूल पास आउट, कोई सेलिब्रिटी या कोई राजनेता नहीं हूं, लेकिन मुझे विश्वास है, कुछ वर्षों में लोग मेरा नाम अच्छी तरह से जान जाएगा। मेरे अच्छे काम और हमारे देश और महिला सशक्तिकरण के लिए मेरे योगदान के लिए।”

हिमाचल प्रदेश भूस्खलन में जान गंवाने वाले अन्य आठ लोगों की पहचान राजस्थान के सीकर निवासी माया देवी बियाणी (55), उनके बेटे अनुराग बियाणी (31) और बेटी माया देवी बियाणी (25) के रूप में हुई है। महाराष्ट्र, अमोघ बापट (27), छत्तीसगढ़ के सतीश कटकबर (34), पश्चिम बंगाल के उमराव सिंह (42) और कुमार उल्हास वेदपाठक (37) की भी लैंडस्लाइड में मौत हो गई। 

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