कोरोनारोधी टीकाकरण अभियान के तहत दूसरी खुराक लेने वाले लोगों को स्लॉट बुकिंग की जरूरत नहीं है। कोविन पोर्टल पर पंजीकरण कराके टीका लिया जा सकेगा। वहीं जो लोग पंजीकरण नहीं करा पाएंगे उन्हें टीकाकरण केंद्र पर भी प्रक्रिया पूरी कर टीका दिया जा रहा है। वहीं, पहली खुराक के लिए स्लॉट बुकिंग के अनुसार टीका दिया जा रहा है। वॉक इन अभियान के तहत केंद्र पर आने वाले लोगों को 100-500 टीके दिए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग जल्द ही वॉकइन टीकाकरण को बढ़ा सकता है। टीके की उपलब्धता के अनुसार इसे कम या अधिक किया जा रहा है। पहली खुराक के लिए स्लॉट बुक करने वाले लोगों को टीका लगाया जाना पक्का है, लेकिन वॉक इन अभियान के तहत आने वाले लोगों को टीका लेने के लिए केंद्र पर पहले पहुंचना होगा। वॉक इन के तहत एक घंटे में ही टीका खत्म हो जाता है। ऐसे में इसके बाद पहुचंने वाले लोगों को वापस लौटना पड़ता है।
एक महीने पहले के मुकाबले टीकाकरण में कमी आई है। पिछले महीने एक दिन में 22 हजार से लेकर 24 हजार तक टीके लगाए गए थे, लेकिन अब यह संख्या 10 हजार के आस पास सिमट कर रह गई है। शासन से टीके की उपलब्धता के अनुसार लोगों की संख्या का निर्धारण एक दिन पहले कर लिया जाता है। जिसके आधार पर सबसे पहले स्लॉट बुकिंग कराने वाले लोगेां को प्राथमिकता दी जाती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि लोगों को प्रतिदिन 40 या इससे अधिक केंद्रों पर टीका लगाया जा रहा है। उपलब्धता के अनुसार टीके दिए जा रहे हैं।
11 हजार से अधिक लोगों ने लगवाया टीका
कोरोनारोधी टीकाकरण अभियान के तहत शनिवार को 11, 138 लोगों ने टीका लगवाया। जिले के 41 सरकारी केंद्रों पर 6727 लोगों ने पहली खुराक ली। वहीं 4411 लोगों ने दूसरी खुराक ली। जुलाई महीने से आयु के अनुसार टीकाकरण बंद कर दिया गया है। अब उम्र के अनुसार आयुवर्ग के बजाय सभी को एक वर्ग में रखा गया है। जिससे टीके का निर्धारण नहीं करना पड़ रहा। पहली और दूसरी खुराक के अनुसार टीके दिए जा रहे हैं। पहले आयुवर्ग के अनुसार टीकों का बंटवारा किया जाता था। जिससे कई आयुवर्ग में टीके बच जाते थे, तो कई में कम पड़ जाते थे। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। वहीं अलग-अलग आयुवर्ग के अनुसार शासन को टीकाकरण की रिपोर्ट भेजी जाती थी।
जून और जुलाई पहले सप्ताह में खत्म हो गए थे टीके
जून अंतिम सप्ताह में तीन दिन और जुलाई के पहले सप्ताह में दो दिन टीके की उपलब्धता जिले में नहीं थी। लिहाजा बचे हुए टीके से काम चलाया गया था। दो दिन एक भी टीका नहीं लगा था। वहीं दो दिन सिर्फ कोवैक्सीन टीका लगाया गया था। इसके बाद से टीकाकरण नियमित रूप से चल रहा है। प्रतिदिन 10 हजार से 11 हजार लोगों को टीका दिया जा रहा है। भविष्य में ज्यादा टीकाकरण होने की उम्मीद की जा रही है।