कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है लेकिन तीसरी लहर का खतरा अभी भी बना हुआ है जिसके लिए सरकार पहले सी तैयार रहना चाहती है। इन तैयारियों में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराना भी शामिल है। बच्चों के लिए वैक्सीन आने की उम्मीद में हम आगे बढ़ रहे हैं। अगले हफ्ते 2 से 6 साल की उम्र के बच्चों के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का दूसरा ट्रायल शुरू होगा। सूत्रों के मुताबिक 2 से 6 साल की उम्र के बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है और अब दूसरी डोज के परीक्षण की तैयारी है। इससे पहले 6 से 12 साल के उम्र के बच्चों का ट्रायल भी हो चुका है। इन परीक्षण का केंद्र एम्स है, यहां पर 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन का परीक्षण हुआ है। यहां पर 6 से 12 साल के बच्चों को वैक्सीन की दूसरी खुराक पहले ही दी जा चुकी है।
कुछ दिनों पहले एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि सितंबर महीने में बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। बता दें कि बच्चों के ये ट्रायल तीन चरण में किए जा रहे हैं, जिनमें 12 से 18 साल, 6 से 12 साल और 2 से 6 साल की उम्र के बच्चे शामिल हैं।
हाल ही में केंद्र ने दिल्ली हाइ कोर्ट को बताया था कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर किया जा क्लिनिकल ट्रायल जल्द ही पूरा होने वाला है।बता दें कि कई विशेषज्ञ कह चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर से सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों को ही होगा। इसी कारण सरकार ने बच्चों के टीके को लेकर तैयारी तेज कर दी है।
एम्स में बच्चों को विभिन्न श्रेणियों में बांटकर वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है। सभी श्रेणियों में बंटे बच्चों को दूसरी खुराक लगने के बाद अगस्त तक अंतरिम रिपोर्ट जारी हो सकती है। एम्स में कोवैक्सिन के अलावा जायडस कैडिला वैक्सीन का भी परीक्षण चल रहा है। 12 से 18 वर्ष के लिए जायडस कैडिला का परीक्षण पूरा हो चुका है। इसके साथ ही यह इस आयु वर्ग के लिए यह जल्द ही उपलब्ध भी हो सकता है। केंद्र ने कोर्ट से कहा कि टीकाकरण उनकी हमेशा से ही प्राथमिकता रही है।