शामिल होने के बाद बढ़ जाएगी वायुसेना की ताकत

पिछले साल से ही लद्दाख में भारत के साथ सैन्य टकराव में जुटे चीन दूसरे इलाकों में भी गतिविधियां बढ़ाने लगा है। उत्तराखंड के बरहोती इलाके में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास चीनी सैनिकों की गतिविधियां देखी गई हैं। हाल में में यहां पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के एक प्लाटून को देखा गया है। यह सब ऐसे समय पर हो रहा है, जब हाल ही में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच मुलाकात हुई है और उन्होंने बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने की बात दोहराई है।

सूत्रों ने एएनआई को बताया, ”हाल ही में एक प्लाटून (करीब 35 सैनिक) उत्तराखंड के बरहोती इलाके के पास दिखा और उन्होंने वहां का सर्वे किया। काफी लंबे समय बाद चीनी सैनिकों की इस इलाके में गतिविधियां दिखी हैं।” सूत्रों ने बताया कि इलाके में चीनी सैनिकों की मौजूदगी पर लगातार नजर रखी गई। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय पक्ष ने भी यहां पर्याप्त व्यवस्था कर ली है।
 
सूत्रों ने कहा कि रक्षा प्रतिष्ठानों का मानना है कि चीनी इस इलाके में कुछ गतिविधियों का प्रयास कर सकते हैं, लेकिन सेंट्रल सेक्टर में भारत की ऑपरेशनल तैयारी काफी अधिक है। सीडीएस विपिन रावत और सेंट्रल आर्मी चीफ ले. जनरल वाई दिमरी ने भी हाल ही में इस सेक्टर का दौरा किया था और तैयारियों का जायजा लिया है। 

सूत्रों का कहना है कि बरहोती के पास एक एयरबेस पर भी चीनी गतिविधियां बढ़ गई हैं। यहां उन्होंने बड़ी संख्या में ड्रोन्स की तैनाती की है। भारत ने भी यहां अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर दी है और कुछ को अग्रिम इलाकों में भेजा गया है। इंडियन एयरफोर्स ने भी चिन्यालीसौड़ सहित कुछ एयर बेस को एक्टिवेट कर दिया है, जहां AN-32 लगातार लैंड कर रहे हैं। चिनूक हेलिकॉप्टरों की भी तैनाती है जो जरूरत पड़ने पर सैनिकों को एक घाटी से दूसरी घाटी में पहुंचा सकते हैं।

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