आंध्र प्रदेश में बुधवार को पुलिस ने एक ऐसे परिवार को बचाया जिन्होंने कोरोना संक्रमित होने के डर से ही खुदको 15 महीनों से घर में बंद किया हुआ था। मामला आंध्र प्रदेश के कदाली गांव का है। गांव के सरपंच के मुताबिक, पड़ोसी की कोरोना से मौत के बाद 50 वर्षीय रुथम्मा ने अपनी पत्नी और दो बच्चों को घर में बंद कर लिया।
यह मामला सामने तब आया जब एक गांव का ही वॉलंटीयर सरकारी स्कीम के तहत होने वाले आवासीय प्लॉट के आवंटन के लिए उनके घर गया। इस वॉलंटीयर ने गांव के सरपंच और अन्य लोगों को पूरे मामले से अवगत कराया।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान सरपंच गुरुनाथ ने बताया, ‘चुत्तुगाला बेनी, उनकी पत्नी और दो बच्चे घर में रह रहे थे। उन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा था, जिसकी वजह से वे 15 महीनों से घर में ही बंद थे और घर को अंदर से लॉक कर लिया था।’ कोई भी आशा वर्कर जो उनके घर जाता उसे कोई जवाब नहीं मिलता और वह वापस लौटता।
मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। इसके बाद पुलिस टीम ने वहां पहुंचकर परिवार को बाहर निकाला। परिवार की स्थिति बेहद खराब थी, वे लोग कई दिनों से नहाए तक नहीं थे। पुलिस परिवार के सभी सदस्यों को आनन-फानन में सरकारी अस्पताल ले गई, जहां अब सबका इलाज चल रहा है। सरपंच के मुताबिक, अगर यह परिवार दो से तीन दिन और बंद रहता तो शायद कोई भी जिंदा नहीं बचता।