पूर्व नौकरशाहों व बुद्धिजीवियों के संगठन फोरम ऑफ कन्सर्न्ड सिटीजन ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर लगाए जा रहे तमाम आरोपों को तथ्यहीन व राजनीति से प्रेरित बताया है। साथ ही पुलिस मुठभेड़ में अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के मारे जाने को तथ्यों से परे बताया है। संगठन का कहना है कि पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर पूर्व नौकरशाहों का यह समूह उन अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा रहा है जो चौबीस घंटे कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इस तरह के बेबुनियाद आरोपों से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार (यूपी सरकार)को बदनाम किया जा रहा है। असल में 87 पूर्व नौकरशाहों के जवाब में फोरम आफ कन्सर्न्ड सिटीजन के अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्य सचिव योगेंद्र नारायण ने सोमवार को खुला पत्र जारी किया। इसमें 152 बुद्धिजीवियों, नौकरशाहों ने दस्तखत किए हैं। पत्र में कहा गया है कि यूपी में पुलिस व अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ को फर्जी बताना तथ्यों के विपरीत है। यह कहना गलत है कि इसमें निर्दोष लोग मारे गए।
पूर्व नौकरशाहों व बुद्धिजीवियों के संगठन फोरम ऑफ कन्सर्न्ड सिटीजन ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर लगाए जा रहे तमाम आरोपों को तथ्यहीन व राजनीति से प्रेरित बताया है। साथ ही पुलिस मुठभेड़ में अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के मारे जाने को तथ्यों से परे बताया है। संगठन का कहना है कि पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर पूर्व नौकरशाहों का यह समूह उन अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा रहा है जो चौबीस घंटे कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इस तरह के बेबुनियाद आरोपों से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार (यूपी सरकार)को बदनाम किया जा रहा है। असल में 87 पूर्व नौकरशाहों के जवाब में फोरम आफ कन्सर्न्ड सिटीजन के अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्य सचिव योगेंद्र नारायण ने सोमवार को खुला पत्र जारी किया। इसमें 152 बुद्धिजीवियों, नौकरशाहों ने दस्तखत किए हैं। पत्र में कहा गया है कि यूपी में पुलिस व अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ को फर्जी बताना तथ्यों के विपरीत है। यह कहना गलत है कि इसमें निर्दोष लोग मारे गए।