अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते प्रभाव के बीच हालात लगातार मुश्किल हो रहे हैं। सीमावर्ती इलाकों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। इस बीच पाकिस्तान ने शनिवार को 4000 अफगानों को अपनी सीमा से अफगानिस्तान में प्रवेश की इजाजत दी। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक सीमा पर तैनात अधिकारियों ने इसे मानवतावादी कदम बताया है। गौरतलब है कि काबुल के स्पिन बोल्डक में चरमपंथियों के हमले के बाद हजारों अफगान नागरिक पाकिस्तानी कस्बे में फंस गए थे
बड़ी संख्या में महिलाए और बच्चे रहे शामिल
सीमा पर तैनात अफसरों ने बताया कि चमन बॉर्डर पर करीब 4000 की संख्या में लोग फंसे हुए थे। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। यह सभी अपने परिवार के साथ बकरीद मनाने जाना चाहते थे। इसलिए मानवतावादी रवैया अपनाते हुए इन्हें जाने दिया गया। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक अधिकारी ने कहाकि इन्हें कल शाम तक सीमा पार करने की इजाजत रहेगी। एक स्थानीय पैरामिलिट्री अधिकारी ने कहाकि यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि दोनों सीमाओं पर रिश्ते सामान्य रहें, लेकिन व्यापार अनुमति नहीं होगी। समाचार एजेंसी एएफपी के फोटोग्राफर के मुताबिक गेट खुलते ही परिवार के लोग अपने लोगों से मिलने को दौड़ पड़े।
कुछ फिर से पाक लौटने को तैयार
पाकिस्तान से अफगानिस्तान लौटने वालों में 30 वर्षीय कुद्रतुल्लाह भी शामिल थे। कांधार प्रांत के रहने वाले कुद्रतुल्लाह, तीन महीने पहले कराची में अपने पिता की बाइपास सर्जरी कराई थी। उन्होंने बताया कि अपने पिता के रूटीन चेकअप के लिए उन्हें फिर से पाकिस्तान आना होगा। अब बदलते हालात में देखना है कि वो लौट पाते हैं या नहीं। वहीं 50 वर्षीय मोहम्मद खान क्वेटा में मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि वह परिवार के साथ बकरीद मनाने के लिए अफगानिस्तान लौट रहे हैं। उन्होंने कहाकि अफगानिस्तान में बेरोजगारी है। वहां कोई नौकरी उन्हें मिल नहीं पाएगी। ऐसे में ईद के बाद उन्हें फिर से पाकिस्तान लौटना ही होगा।