इन चार जिलों पर थी आतंकियों की नजर, 500 बमबाज महिलाओं की फौज का था लक्ष्य

फिदाइन दस्ता बनाने के लिए आतंकी संगठन एक्यूआईएस उन महिलाओं को चुनता है जो गरीब परिवार से होती हैं। उन्हें कुछ पैसे और दो वक्त का भोजन दिया जाता और इसका फायदा उठाकर ब्रेन वॉश कर मानव बम में तब्दील किया जाता था। इसका खुलासा एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है। यह भी पता चला है कि एक्यूआईएस ने जहां-जहां शाहीन फोर्स का गठन किया है वहां इसमें पांच सौ महिलाओं को जोड़ा गया है। यहां पर भी लगभग पांच सौ महिलाओं को जोड़ने का प्रयास शुरू हो चुका था।

एक्यूआईएस की महिला विंग शाहीन फोर्स ने विदेशों में कई घटनाओं को अंजाम दिया है। एनआईए सूत्रों के मुताबिक जो रिपोर्ट उन्हें एक्यूआईएस की महिला विंग को लेकर मिली है उसके मुताबिक गरीब महिलाओं को इस काम के लिए चुना जाता है। महिलाओं की बातचीत महिलाओं से ही कराई जाती है। उन्हें दो वक्त का खाना, कुछ पैसे और कपड़े देने के साथ ही जेहाद को लेकर माइंड वॉश किया जाता है। जब वह जेहाद के लिए कुछ भी करने को तैयार होती हैं तो कैंप में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है। अफगानिस्तान और सीरिया बॉर्डर पर महिलाओं के लिए कैंप आयोजित किए जाते हैं। 

ट्रेनिंग के बाद भी लो प्रोफाइल 

ट्रेनिंग लेने के बाद शाहीन फोर्स की महिलाएं जहां भी भेजी जाती है वहां आसपास के लोगों को वह यह आभास नहीं होने देतीं कि फिदाइन बनने के लिए ट्रेनिंग दी गई है। वह एक दम लो प्रोफाइल और साधारण जीवन जीती हैं। वह लोगों के घरों में नौकरानी, खाना बनाने वाली, धोबिन आदि का काम भी कर लेती हैं। छोटी गुमटी से लेकर ठेला तक लगा लेती हैं। इसी की आड़ में वह सूचनाएं एकत्र कर संगठन के आकाओं तक पहुंचाने का काम करती हैं।

गिरफ्तार होते ही ‘आतंकियों’ के फोन का डाटा गायब

लखनऊ में एक्यूआईएस (अलकायदा इन द इंडियन सबकांटीनेंट) विंग के आतंकी मिनहाज और मुशीर से बरामद मोबाइल का डाटा गायब हो गया है। जैसे ही उसे एटीएस ने एक्सेस करना शुरू किया, सब कुछ साफ हो चुका था। डाटा रिकवरी के लिए एटीएस ने मोबाइल फोरेंसिक लैब भेजा है। इस बात की आशंका है कि फोन रिमोट एक्सेस पर था। उसमें ऐसे एप्लीकेशंस थे कि किसी तीसरे के हाथ में फोन जाते ही पूरा डाटा साफ हो जाता। अब इसकी पड़ताल हो रही है कि दोनों के मोबाइल कौन और कहां से एक्सेस कर रहा था। एटीएस सूत्रों के मुताबिक मिनहाज और मुशीर के मोबाइल पर कई ऐसी फोटो और मैसेज होने की आशंका है जिससे केस में नए सबूत मिल सकते थे। सूत्र बताते हैं कि कहीं भी बात करने के लिए आरोपित व्हाट्सएप कॉल का ज्यादा इस्तेमाल करते थे। कुछ एसएमएस के जरिए कोडवर्ड में उनके पास मैसेज भी आए थे। इसका खुलासा सीडीआर रिपोर्ट में हुआ है। सूत्रों के मुताबिक मोबाइल का डाटा साफ न होता तो कई नई जानकारियां, फोटो और कोड मैसेज मिल सकते थे।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com