ईस्टर्न-वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के बीच बसेगा नया नोएडा, 10 महीने में तैयार होगा मास्टर प्लान

नया नोएडा ईस्टर्न-वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के बीच बसाया जाएगा। नए नोएडा (दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र) का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए शुक्रवार को नोएडा प्राधिकरण और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) नई दिल्ली के बीच एमओयू हो गया। एसपीए को 10 महीने में मास्टर प्लान 2041 तैयार करना होगा। आने वाले समय में दादरी सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र होगा।

नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि मास्टर प्लान तैयार करने में सतत विकास व पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा। यह निवेश क्षेत्र दादरी के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों की जमीन पर बसेगा। आने वाले समय में गौतमुबद्ध नगर सबसे बड़े औद्योगिक हब के रूप में दिखाई देगा। राज्य व केंद्र की परियोजनाओं ने इस क्षेत्र का ऐसा परिसीमन तैयार किया है कि सामरिक दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण होगा। बड़ी बात यह है कि दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के सहारे प्रस्तावित आठ विशेष निवेश क्षेत्र में एक दादरी नोएडा गाजियाबाद इंवेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) को बसाने का जिम्मा नोएडा प्राधिकरण को मिला है। यह निवेश क्षेत्र 210 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में विकसित किया जाएग। यह बुलंदशहर की ओर जाने वाले जीटी रोड व हावड़ा की ओर जाने वाली रेलवे लाइन के बीच स्थित है।

अधिकारियों ने बताया कि दादरी से मुंबई तक वेस्टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसी के सहारे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसी प्रकार ईस्टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर अमृतसर, मेरठ, खुर्जा होते हुए कोलकाता तक प्रस्तावित है। खुर्जा से एक एसपीयूआर दादरी तक निर्मित की जाएगी। यह ईस्टर्न व वेस्टर्न कॉरिडोर को जोड़ेगी। ऐसे में दादरी सामरिक व औद्योगिक दृष्टि से सबसे बड़ा निवेश केंद्र होगा। फ्रेट कॉरिडोर के नजदीक होने के कारण दिल्ली-एनसीआर के निवेशकर्ता अपने उत्पादकों को आसानी से ट्रांसपोर्ट कर सकेंगे तथा मुंबई पोर्ट से सीधा संपर्क हो जाने के कारण आयात-निर्यात की सुविधा हो जाएगी। इसको देखते हुए दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर तीन अर्ली बर्ड प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। इनमें इंटिग्रेटिड इंडस्ट्रियल टाउनशिप इन ग्रेटर नोएडा, मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब इन बोड़ाकी और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक इन दादरी शामिल हैं। 

एमओयू के दौरान नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, एसीईओ नेहा शर्मा, महाप्रबंधक नियोजन इश्तियाक अहमद व एसपीए के निदेशक पी.एस.एन. राव, प्रोफेसर अशोक कुमार व आर. विश्वास मौजूद थे। 

तीन तथ्यों पर आधारित होगा मास्टर प्लान

1. एसपीए के निदेशक प्रोफेसर डॉ पी.एस.एन राव ने बताया कि पहले तथ्य के रूप में दो महीने में हमें ऐसी योजना तैयार करेंगे कि जिससे देशभर के निवेशक यहां के लिए आकर्षित हों। मानेसर-बावल से बेहतर निवेश क्षेत्र यहां तैयार करेंगे। चेंबर ऑफ कॉमर्स, एसोचैम, फिक्की आदि संगठन को इकट्ठा करेंगे। इसके लिए मार्केट का अध्ययन महत्वपूर्ण है। इसके जरिए यह जानकारी जुटाएंगे कि किस प्रकार की इंडस्ट्री ज्यादा आ सकती हैं। आईटी, फार्मा, फूड, एग्रीकल्चर या केमिकल इंडस्ट्री। इसमें प्राइवेट, पब्लिक व पीपी मॉडल आधारित फर्म और इंफ्रास्टक्चर को देखना होगा

2. दूसरे तथ्य के रूप में फिजिकल ले आउट प्लान तैयार किया जाएगा। इसके लिए चंडीगढ़, लुटियंस जोन, यूरोपीय देशों की स्थिति को भी मौके पर जाकर देखेंगे। इसमें यातायात, हरियाली, बिजली-पानी के संसाधन, प्रदूषण रहित निवेश क्षेत्र को बसाने सहित अन्य बिंदुओं को शामिल किया जाएगा। निवेश क्षेत्र में झुग्गियां न बसें, इसका भी ध्यान रखा जाएगा।

3. तीसरी श्रेणी में यह देखेंगे कि यहां रहने वाले किसानों को क्या-क्या सुविधाएं दी जा सकती हैं। सबका साथ-सबका विकास के तहत किसानों के लिए योजना तैयार करेंगे।

लैंडपूलिंग के जरिये जमीन लेने की तैयारी

नए नोएडा को बसाने के लिए लैंडपूल के जरिए जमीन लेने की तैयारी है। इस प्रक्रिया के तहत किसान को भी योजना में भागीदारी दी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि नवी मुंबई को लैंड पुलिंग के जरिए विकसित करवाया गया है। वहां के अध्ययन को इस मास्टर प्लान में शामिल करेंगे।

मास्टर प्लान तैयार करने को टीम नियुक्त करेंगे

एसपीए में 105 फेकल्टी सदस्य हैं। इसके अलावा एक टीम अलग से नियुक्त की जाएगी। दिल्ली के तैयार होने वाले मास्टर प्लान 2041, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में एसपीए सदस्य के रूप में काम कर रहा है। मास्टर प्लान जीआईएस आधारित होगा। सेटेलाइट इमेज सहित आधुनिक संसाधनों के जरिए रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

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