मोदी सरकार में नए रेल मंत्री बने अश्विनी वैष्णव की राह आसान नहीं होने वाली है। नए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि वह रेलवे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को आगे ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे ने पिछले 67 साल में उत्कृष्ट कार्य किया गया है और वह इसे और आगे बढ़ाएंगे। रेल मंत्रालय के अलावा उन्होंने संचार मंत्री, और इलेक्ट्रॉनिक्स-सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री का भी कार्यभार संभाला।
देश के सबसे अहम व बड़े मंत्रालयों में शुमार रेलवे की जिम्मेदारी अब नौकरशाह एवं उद्यमी से नेता बने अश्विनी संभाल रहे हैं। उनके पास संचार एवं इलेक्ट्रानिक्स और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का भी प्रभार है। गुरुवार सुबह बिना किसी तामझाम के कामकाज संभालने वाले वैष्णव ने कहा है कि राष्ट्र की सेवा करने का जो महान अवसर प्रधानमंत्री ने उन्हें दिया है, उसके लिए वह प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हैं। वैष्णव ने बाद में भाजपा मुख्यालय में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी व विचारक पं दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1994 बैच के पूर्व अधिकारी वैष्णव ने 15 वर्ष से अधिक समय तक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं। उन्हें खासतौर से बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) की रूपरेखा बनाने में उनके योगदान के लिए जाना जाता है जो उन्हें रेल क्षेत्र में भी मदद करेगा। उन्होंने जनरल इलेक्ट्रिक एंड सिमंस जैसी बड़ी वैश्विक कंपनियों में भी नेतृत्व भूमिकाएं निभाई हैं। वैष्णव ने पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से एम.टेक किया है। उनके पास संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी के दो अन्य महत्वपूर्ण विभाग भी रहेंगे।
ये हैं तीन बड़ी चुनौतियां
1- डीएफसी समेत रेलवे की विभिन्न महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को समय पर पूरा करना
2- आम आदमी को सुरक्षित आराम देह यात्रा के साथ जीरो टाइम टेबल लागू करना
3- 2030 तक रेलवे को ग्रीन रेलवे के रूप में तैयार करना