पूर्वी लद्दाख से जल्द सैन्य वापसी पर ही शांति बहाली संभव, चीन को भारत की दो टूक

पूर्वी लद्दाख में चीन से गतिरोध वाले बाकी क्षेत्रों से सैन्य वापसी की प्रक्रिया जल्द पूरी होने पर ही सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाली हो सकती है। सैन्य वापसी द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित करने के लिए भी अहम है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।

25 जून को भारत-चीन के बीच डिजिटल माध्यम से सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 22वीं बैठक हुई थी। इसमें दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में सीमावर्ती इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से जुड़ी स्थितियों पर खुलकर विचारों का आदान-प्रदान किया था। वे टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की पूर्ण वापसी के लिए परस्पर स्वीकार्य समाधान की खातिर बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए थे।

भारत और चीन के बीच पिछले वर्ष मई से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध जारी है। हालांकि, दोनों पक्षों ने कई दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के बाद फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी की थी। समझा जाता है कि कुछ क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने को लेकर अभी गतिरोध बरकरार है। पिछले महीने सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के सभी क्षेत्रों से पूरी तरह से पीछे हटे बिना स्थिति सामान्य नहीं हो सकती है। भारतीय सेना क्षेत्र में सभी स्थितियों के लिए तैयार है।

दलाई लामा को राजकीय अतिथि का सम्मान देना सामान्य
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि दलाई लामा को एक सम्मानित आध्यात्मिक नेता के नाते राजकीय मेहमान का सम्मान देने की भारत की समान नीति रही है। मंत्रालय ने यह जवाब दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तिब्बती आध्यात्मिक नेता को उनके 86वें जन्मदिन की बधाई देने के दो दिन बाद पूछे गए एक सवाल पर दिया।

दूसरे देशों से यात्रा प्रतिबंधों में जल्द राहत मिलने की उम्मीद
बागची ने दावा किया कि देश में कोरोना की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। ऐसे में भारत सरकार को उम्मीद है कि दूसरे देश भारत से यात्रा पर लगे प्रतिबंध में जल्द राहत देंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि सरकार उन भारतीयों की मदद करने का सक्रियता से प्रयास कर रही है, जिन्हें दुनिया के विभिन्न देशों में यात्रा करने की जरूरत है। वह सहयोगी देशों के सामने यात्रा प्रतिबंधों का मुद्दा उठा रही है।

दुष्प्रचार में अपना इस्तेमाल न होने दे ओआईसी
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) से कहा कि वह पाकिस्तान जैसे निहित स्वार्थी तत्वों को पक्षपातपूर्ण और एकतरफा प्रस्ताव के जरिये भारत विरोधी दुष्प्रचार के लिए अपने मंच का इस्तेमाल नहीं करने दे। मंत्रालय की यह टिप्पणी ओआईसी के महासचिव की ओर से समूह के विदेश मंत्रियों के परिषद के संबंधित प्रस्ताव के अनुरूप एक शिष्टमंडल जम्मू-कश्मीर भेजने की बात कहने के बाद आई है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com