गोरखपुर चिड़‍ियाघर में खत्‍म हुआ बाघिन मैलानी का इंतजार, कानपुर से आए बाघ अमर का यूं किया स्‍वागत

नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान लखनऊ से आई मादा बाघिन मैलानी लम्बे इंतजार के बाद गुरुवार को नर बाघ अमर का साथ मिला। जोरदार बारिश के बीच गुरुवार सुबह 10.40 बजे कानपुर प्राणी उद्यान से आए नर बाघ अमर को मैलानी के बाड़ा में प्रवेश कराया गया। मैलानी 13 फरवरी को ही लखनऊ प्राणी उद्यान से गोरखपुर शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान में आ गई थी। तभी से वह बाघ के बाड़ा में अकेले विचरण कर रही थी।

कोरोना संक्रमण के कारण कानपुर प्राणी उद्यान से नर बाघ अमर और बादल को गोरखपुर प्राणी उद्यान लाए जाने का इंतजार लम्बा हो गया। इस बीच प्राणी उद्यान भी पयर्टकों के लिए बंद हो गया। नतीजतन मैलानी को भी प्राणी उद्यान के शांत वातावरण में स्वयं को यहां के हिसाब से ढालने का वक्त मिला। लेकिन प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सक एवं जू कीपर उसके लिए किसी नर साथी के साथ की आवश्यकता महसूस करते रहे। 

बुधवार को गोरखपुर प्राणी उद्यान से पशु चिकित्सक डॉ योगेश प्रताप सिंह पांच सदस्यीय दल के साथ कानपुर प्राणी उद्यान के लिए रवाना हो गया। कानपुर से नर बाघ अमर  को उन्होंने केज में रख गुरुवार की अल सुबह यात्रा शुरू की। 10.40 बजे तक प्राणी उद्यान पहुंच गए। यहां प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ एच राजा मोहन समेत अन्य कर्मचारियों ने अमर का स्वागत किया, उसे उसके बाड़ा में बारिश की फुहारों के बीच प्रवेश कराया। यूं लग रहा था कि आसमान भी अमर और मैलानी के इस प्रणय मिलन पर बारिश और ठंडी हवाओं के साथ स्वागत कर रहा हो। फिलहाल वन विभाग के अधिकारियों की निगाहें इस बात पर रहेगी कि फरवरी से अकेले रह रही मैलानी अपने बाड़ा में नर बाघ अमर को देख कैसा व्यववहार करेगी? 

जल्द लाए जाएंगे विनोद वन मिनी जू
उधर स्थानीय मिनी जू विनोद वन से भी वन्यजीव को लाए जाने का सिलसिले अगले सप्ताह शुरू हो जाएगा। मिनी जू से 4 चितल और 01 पाढ़ा लाया जाएगा। फरवरी मार्च में विनोद वन से वन्यजीव को प्राणी उद्यान में शिफ्ट किए जाने का सिलसिला शुरू हुआ था लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसे रोक दिया गया था।

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