प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह 11 बजे विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के निदेशकों को संबोधित करेंगे। यह आयोजन कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए किया जाएगा। इस अवसर पर भारत के नवनियुक्त केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहेंगे।
यह कार्यक्रम पीएम मोदी के कैबिनेट में हुए विस्तार के ठीक बाद किया जा रहा है। इससे पहले फरवरी में आईआईटी खड़गपुर के 66वें दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में पीएम ने छात्रों से अपनी क्षमता को पहचानने और आत्मविश्वास, आत्म-जागरूकता और निस्वार्थता के मंत्रों का पालन करते हुए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया था।
उन्होंने आईआईटी को ‘स्वदेशी प्रौद्योगिकी संस्थान’ भी कहा और कहा कि इंजीनियरों में चीजों को ‘पैटर्न’ से ‘पेटेंट’ तक ले जाने की क्षमता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा था, “विज्ञान और प्रौद्योगिकी और इनोवेशन के क्षेत्र में जल्दबाजी की कोई गुंजाइश नहीं है। एक तकनीकी विफलता हमेशा नए इनोवेशन की ओर ले जाती है। आप जो कुछ भी करते हैं और जो आप हासिल करना चाहते हैं, उसमें धैर्य रखें। आपके रास्ते में जल्दी से मिलने वाली सफलता के लिए कोई जगह नहीं है। असफलताएं सफलता के स्तंभ हैं। केवल असफलता ही आपके जीवन में सफलता का मार्ग बना सकती है। हर वैज्ञानिक ने असफलता का अनुभव करने का एक नया तरीका सीखा है। असफलता ही सफलता के नए रास्ते बना सकती है।”