CBSE Special Scheme for Session 2022 and 10th, 12th Exam 2022 : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्डने नए शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए बड़ा बदलाव किया है। अब इस साल की तरह अगले साल भी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट आंतरिक मूल्यांकन की सहायता से तैयार होगा। इतना ही नहीं 10वीं रिजल्ट के लिए 9वीं के मार्क्स और 12वीं रिजल्ट के लिए 11वीं के मार्क़्स का भी अहम योगदान होगा।
सीबीएसई ने इस संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश 5 जुलाई 2021, सोमवार को जारी कर दिए हैं।
सीबीएसई ने अपने नोटिस में बताया कि नया सत्र 50 फीसदी पाठ्यक्रम के साथ दो सत्रों में बांटा जाएगा। प्रत्येक सत्र के अंत में 50 पर्सेंट सिलेबस की ही परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। ऐसा करने से आखिरी सत्र के लिए कक्षाएं लेने की संभावनाएं और भी बढ़ जाएंगी। इसके अलावा सीबीएसई ने और भी कई दिशा निर्देश जारी किए जिन्हें आप आगे विस्तार से पढ़ सकते हैं।
सीबीएसई दिशा-निर्देशों की खास बातें-
1- 50 फीसदी पाठ्यक्रम वाली दो टर्म एंड परीक्षाएं होंगी।
2- पिछले साल की तरह इस सत्र 2021-22 के लिए भी पाठ्यक्रम घटाया जाएगा।
3- आंतरिक मूल्यांकन, प्रैक्टिकल परीक्षाएं और प्रोजेक्ट वर्क और ज्यादा भरोसेमंद व मान्य बनाने की कोशिश की जाएगी।
4- कक्षा 9, 10 का आंतरिक मूल्यांकन तीन पीरिऑडिक टेस्टों, छात्र के ज्ञान और प्रोजेक्ट वर्क आदि के आधार पर किया जाएगा।
5- कक्षा 11, 12 क आंतरिक मूल्यांकन टॉपिक/यूनिट टेस्ट, प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट रिपोर्ट आदि के आधार पर किया जाएगा।
6- स्कूलों को सभी छात्रों की प्रोफाइल तैयार करनी होगी जिसमें आंतरिक मूल्यांकन का सबूत डिजिटल फॉर्मेट में होगा।
7- आंतरिक मूल्यांकन के मार्क्स सीबीएसई पोर्टल पर अपलोड करने के लिए स्कूलों का पोर्टल की सुविधा दी जाएगी।
8- टर्म -1 की परीक्षा 90 मिनट की होगी। इस पेपर में बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) होंगे।
9- टर्म -2 की परीक्षा को वार्षिक परीक्षा माना जाएगा जो दो घंटे की होगी। इस परीक्षा का आयोजन मार्च-अप्रैल में किया जाएगा। परीक्षा न हो पाने की दशा में एमसीक्यू पेपर पर 90 मिनट की परीक्षा का आयोजन कराया जाएगा।सीबीएसई ने बताया कि इस साल कोरोना महमारी के कारण सीबीएसई से जुड़े लगभग सभी स्कूलों को ऑनलइन क्लासेस चलानी पड़ी हैं। ऐसे में कई हितधारकों की ओर से मिले कई सुझावों के आधार पर सीबीएसई ने सत्र 2021-22 के लिए भी वैकल्पिक तरीके से बोर्ड रिजल्ट जारी करने की योजना बनाई है। कई स्कूलों ने पाठ्यक्रम घटाने की भी मांग की है।