जिला पंचायत अध्यक्ष का परिणाम आने के बाद सपा कार्यालय पर नारेबाजी का वीडियो वायरल होने और इसमें प्रदेश सरकार के मंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने के आरोप में पुलिस ने रविवार को मुकदमा दर्ज किया। मंत्री उपेन्द्र तिवारी के भतीजा अश्विनी की तहरीर पर पुलिस ने नव निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद चौधरी, उनके पिता व पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी व जिपं के पूर्व सदस्य अमित यादव समेत दस नामजद व सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इससे पहले दिन में भाजपा नेताओं ने एसपी से मिलकर कार्रवाई की मांग की थी।
तहरीर में मंत्री के भतीजा ने लिखा है कि शनिवार की शाम पांच बजे शहर से अपने निजी आवास की ओर सपरिवार जा रहा था। टाउन इंका के चौराहा के पास जिपं के विजयी प्रत्याशी आनंद चौधरी, उनके पिता पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी कार्यकर्ताओं के साथ विजय जश्न में शामिल थे। उनके साथ हजारों की भीड़ लाठी-डंडे से लैस थी। लिखा है कि जुलूस में कई लोग नशे में धुत थे। भतीजा के अनुसार मुझे देखकर वे लोग नव निर्वाचित अध्यक्ष व पूर्व मंत्री का इशारा पाकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के साथ ही मेरे चाचा व प्रदेश सरकार के मंत्री उपेन्द्र तिवारी समेत परिवार की महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए नारेबाजी की। यही नहीं, गाड़ी पर हाथ पीटने लगे, जिससे मेरा पूरा परिवार भयभीत हो गया। हम किसी प्रकार जान बचाकर भागे। अश्विनी ने वीडियो फुटेज के आधार पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आनंद चौधरी व अम्बिका चौधरी के अलावा राजेन्द्र यादव, रमेश यादव उर्फ शराबी, शिवपाल यादव, अमित यादव पूर्व जिपं सदस्य, दिनेश यादव, प्रेमप्रकाश यादव, विकास ओझा व राजमंगल यादव तथा सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इनके खिलाफ धारा 147, 148, 149, 342, 500, 504 व 506 के तहत कार्रवाई की गयी है।
आरोप व मुकदमा हास्यास्पद : अम्बिका
बलिया। पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी ने कहा कि नव निर्वाचित जिपं अध्यक्ष व हमारे समेत तमाम साथियों पर आरोप व मुकदमा पूरी तरह हास्यास्पद है। आनंद चौधरी के अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद डीएम व एसपी के निर्देश पर पुलिस ने खुद अपनी जीप से उन्हें फेफना स्थित हमारे आवास पर छोड़ा, जहां मैं पहले से मौजूद था। ऐसे में विजय जुलूस में हमारे शामिल होने की बात पूरी तरह मनगढं़त हैं। हमारा दोष सिर्फ इतना है कि हमने भाजपा के खिलाफ प्रत्याशी उतार दिया और उसे जीत भी मिली।
पूर्व मंत्री ने गाली-गलौज व अभद्रता को किसी भी रूप में अनुचित बताया। कहा कि स्वस्थ राजनीति में इस प्रकार की बात नहीं होनी चाहिए। वह चाहें किसी भी दल का कोई नेता या कार्यकर्ता क्यों न हो। कहा कि बड़े ओहदे पर रहने वाले लोगों की इस मामले में जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। हम सबको अपनी मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। भाजपा को भी अपने नेताओं की भाषा नियंत्रित रखने की सलाह देनी चाहिए। किसी को गाली देना या उसके प्रति गाली जैसी भाषा का इस्तेमाल करना उचित नहीं कहा जा सकता।