उत्तर बिहार के साथ नेपाल में हुई भारी वर्षा के कारण राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। लिहाजा राज्य में बाढ़ की स्थिति और गंभीर होती जा रही है। उत्तर बिहार और कोसी इलाके में वर्षा मापी यंत्र के अनुसार 24 जगहों पर भारी वर्षा हुई है। चनपटिया में सबसे अधिक 204 एमएम वर्षा हुई है। झंझारपुर में 102 और वीरपुर में 142 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई है। लिहाजा खिरोई, बागमती और कमला ने मिथिलांचल तो लालबकेया ने चम्पारण इलाके में कहर बरपाना तेज कर दिया है। गंगा को छोड़कर सभी प्रमुख नदियां लाल निशान से ऊपर बह रही है।
नेपाल में वर्षा के कारण गंडक का डिस्चार्ज काफी बढ़ गया है। शुक्रवार को बाल्मिकीनगर बराज पर इसका डिस्चार्ज 2.12 लाख घनसेक पहुंच गया है। यह नदी डुमरियाघाट में अभी लाल निशान से 53 सेमी ऊपर बह रही है। कोसी बराह क्षेत्र में तो अभी एक लाख से नीचे हैं लेकिन बराज पर इसका भी डिस्चार्ज डेढ़ लाख घनसेक पहुंच गया है।
बागमती का जलस्तर की 24 घंटे में काफी बढ़ा है। सीतामढ़ी के ढेंग में 90 सेमी तो कटौंझा में लाल निशान से ड़ेढ़ मीटर ऊपर बहा रही है। डुबाधार में भी इसका जलस्तर लाल निशान से 1.37 मीटर ऊपर है। मुजफ्फरपुर में इसका जलस्तर 85 सेमी ऊपर है। बूढ़ी गंडक रोसड़ा मे चार सेमी ऊपर चढ़कर लाल निशान से 27 सेमी ऊपर बहने लगी है। हालांकि समस्तीपुर में नौ सेमी बढ़ने के बाद भी नदी अपनी सीमा में है। कमला बलान नदी भी झंझारपुर में 1.60 मीटर ऊपर चढ़ी है और वहां यह नदी अब लाल निशान से सवा दो मीटर ऊपर बहने लगी हे। लालबकेया नदी का तेवर 24 घंटे में और लाल हुआ है। पूर्वी चम्पारण में इसके जलस्तर में 30 सेमी की वृद्धि हुई है और वहां लाल निशान से लगभग एक मीटर ऊपर बहने लगी है। उधर सीतामढ़ी में अधवारा का भी तेवर लाल हो गया है। वहां नदी का जलस्तर एक मीटर चढ़कर शुक्रवार को लाल निशान से 60 सेमी ऊपर बहने लगी है। दरभंगा में खिरोई में 25 सेमी ऊपर चढ़ी और लाल निशान से 30 सेमी ऊपर चली गई।
गंगा, पुनपुन, सोन और फल्गू नदियां अभी अपनी सीमा में हैं। गंगा का जलस्तर पटना में सात सेमी चढ़ा है लेकिन सभी जगहों पर घटा है। अभी यह नदी लाल निशान से काफी नीचे है