इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वीकार की जनहित याचिका, सेंट्रल गवर्नमेंट की इथिक्स कमेटी और आईसीएमआर को जारी किया नोटिस

पूरी दुनिया में शोध का विषय बने कोविड-19 वायरस का क्या गंगाजल से इलाज संभव है? जी, हां, संभव है। इस आशय का दावा करने वाली एक जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न सिर्फ स्वीकार किया है, बल्कि सेंट्रल गवर्नमेंट की इथिक्स कमेटी और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को नोटिस भी जारी किया है। याचिका पर हाईकोर्ट ने छह हफ्ते में मांगा जवाब मांगा है।

आईसीएमआर ने रिजेक्ट कर दिया था शोध पत्र
हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार गुप्ता ने दाखिल की है। मार्च 2020 में याची ने राष्ट्रपति को गंगाजल से कोरोना के इलाज को लेकर शोध पत्र भेजा था। इस शोध पत्र को गंगा मंत्रालय ने आईसीएमआर को भेजा था, जिसे आईसीएमआर ने रिजेक्ट कर दिया था। उस समय ICMR ने कहा था कि गंगाजल से कोरोना के इलाज के दावे में कोई वैज्ञानिकता नहीं है।

बीएसयू के 5 डॉक्टरों से कराया शोध
आईसीएमआर द्वारा इस शोध पत्र को रिजेक्ट करने के बाद याची ने इस पर याची ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के 5 सीनियर डॉक्टरों की टीम से शोध कराया। डॉक्टरों द्वारा गंगा जल से कोरोना के इलाज पर किए गए शोध पत्र को इंटरनेशनल जनरल ने सितंबर 2020 में प्रकाशित किया। इसके बाद गंगाजल से कोरोना के इलाज के दावे को थोड़ा बल मिला।

30 रुपए की लागत की नेजल स्प्रे बनाकर 600 लोगों की टीम बनाई
इस शोध पत्र के प्रकाशित होने के बाद डॉक्टरों की टीम ने 600 लोगों को यह नेजल स्प्रे दिया। जिन लोगों को यह नेजल स्प्रे दिया गया उनकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई। जिन कोरोना पॉजिटिव लोगों को यह नेजल स्प्रे नहीं दिया गया उनमें ज्यादातर लोगों की रिपोर्ट पाज़िटिव आई। इस शोध के परिणाम चौंकाने वाले रहे।

जनहित याचिका में गंगाजल से कोरोना का इलाज करने की है मांग
वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार गुप्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका में गंगाजल से कोरोना के इलाज की मांग की है। एडवोकेट गुप्ता गंगा पर दाखिल पीआईएल में हाई कोर्ट की ओर से एमिकस क्यूरी भी हैं। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस राजेंद्र कुमार चतुर्थ की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com