: कोरोना के कारण बोर्ड परीक्षाओं के निरस्त होने से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के मेधावियों को नुकसान होगा। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने साफ कर दिया है कि इस बार मेरिट सूची जारी नहीं होगी। इसके चलते पूरे प्रदेश में टॉप करने वाले मेधावी एवं दिव्यांग छात्र-छात्राएं हर साल मिलने वाली छात्रवृत्ति और दूसरे लाभ से वंचित रह जाएंगे।
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स पिलानी) हर साल इंटरमीडिएट में गणित व जीव विज्ञान वर्ग में पूरे प्रदेश में टॉप करने वाले मेधावियों को सीधे प्रवेश देता था। टॉप करने वाले एक से अधिक मेधावी होने पर उन सभी को दाखिला मिलता था। लेकिन इस साल मेधावियों को ये मौका नहीं मिलेगा।
इसी प्रकार रिलायंस की ओर से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 10-10 टॉपर नेत्रहीन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जाती थी। हिन्दुजा समूह की ओर से हाईस्कूल के टॉप 25 मेधावियों को भी वजीफा दिया जाता था। इसके लिए ये संस्थाएं हर साल यूपी बोर्ड से संपर्क कर मेधावियों की सूची लेती थीं और फिर उनसे संपर्क कर लाभान्वित करती थीं।
इस बार मेधावियों के नाम पर नहीं बनेगी सड़क
2021 की मेरिट सूची नहीं बनने से इस बार 10वीं-12वीं के टॉपर के नाम सड़क भी नहीं बनेगी। पिछले चार साल से प्रदेश सरकार टॉप टेन में स्थान बनाने वाले मेधावियों के नाम पर उनके गांव तक सड़क बनवा रही थी। सड़क पर बकायदा बोर्ड लगता था जिस पर टॉपर की फोटो भी लगती थी। लेकिन इस साल ये योजना भी लागू नहीं हो पाएगी।