उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 के लिए सहसपुर से भाजपा विधायक सहदेव पुंडीर ने कमर कस ली है। जानिए उनका रिपोर्ट कार्ड।
देहरादून,: सहसपुर विधानसभा से भाजपा विधायक सहदेव पुंडीर की संगठन में अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसी पकड़ के बलबूते उन्होंने विधानसभा तक का सफर तय किया। जनता के बीच सक्रिय रहने के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद कायम करने में माहिर माने जाते हैं।
वर्ष 1996 में झाझरा से जिलापंचायत सदस्य बने सहदेव पुंडीर ने पहली बार अपनी राजनैतिक पारी की शुरुआत राज्य गठन के बाद वर्ष 2002 में भाजपा के टिकट पर विकासनगर विधानसभा से चुनाव लड़कर की, लेकिन चुनाव में उन्हें पराजय मिली। वर्ष 2007 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर दूसरी बार मसूरी विधानसभा से चुनाव लड़ा पर इस बार भी जीत नसीब नहीं हुई। वर्ष 2012 के चुनाव में सहसपुर विधानसभा से पहली बार विधायक बने। क्षेत्र के ग्र्रामीण इलाकों में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है व सभी वर्गों में उनके ठीक संपर्क माने जाते हैं।
उपलब्धियां
- विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न बस्तियों में 500 सौर ऊर्जा व 350 स्ट्रीट लाइटें लगवाई।
- 40 लाख की लागत से बनियावाला-सेवली मार्ग का निर्माण कार्य और वन विभाग की एनओसी में अटकी पांच अन्य सड़कों का निर्माण।
- विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पेयजल समस्या से परेशान जनता की सुविधा को 115 हैंडपंप लगवाए।
वादा
- नदी व बरसाती नाले-खालों में बाढ़ सुरक्षा कार्य करना।
- सहसपुर में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कैंपस कॉलेज की स्थापना।
हकीकत
- विधासनभा क्षेत्र के ज्यादातर बाढ़ ग्रस्त इलाकों में नहीं हुए बाढ़ सुरक्षा कार्य।
- सहसपुर में भूमि चयन के बावजूद नहीं हुई श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय कैंपस की स्थापना।
क्षेत्र में जितने भी विकास कार्य हुए हैं वे विधायक निधि से हुए
सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर का कहना है कि मैंने विधानसभा सत्र में दो बार श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय कैंपस की स्थापना का मामला उठाया पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश विकास कार्यों में प्रदेश सरकार ने अंडगा डालने का भरसक प्रयास किया। क्षेत्र में जितने भी विकास कार्य हुए हैं वे सभी कार्य विधायक निधि से हुए हैं। पांच दशक बाद पहली बार वन गुर्जर बस्ती धौलातपड़ में मेरे प्रयासों से सौर ऊर्जा से बिजली की व्यवस्था व पेयजल सुविधा को हैंडपंप लगवाए गए।
परीक्षकों के अंक
- आद्य शक्ति विद्यापीठ एवं संस्कार केंद्र के संस्थापक पंकज किशोर गौड़ ने 10 में से 7 अंक दिए।
- किसान अब्दुल हमीद ने 10 में से 3 अंक दिए।
- व्यवसायी एवं सामाजिक कार्यकर्ता राजू ने 10 में से 5 अंक दिए।