कोरोना संक्रमण काल के 62 दिन के लंबे अंतराल के बाद वाराणसी के सारनाथ स्थित खंडहर परिसर व संग्रहालय आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार पर्यटकों को प्रवेश दिया गया। लंबे समय बाद सारनाथ घूमने पहुंचे पर्यटकों के चेहरे भी खुशी से खिल उठे। संक्रमण के कारण एक बार में सिर्फ 25 पर्यटकों को ही प्रवेश दिया जा रहा है।
बुधवार को सारनाथ के खंडहर परिसर व संग्रहालय को आम लोगों के लिए खोल दिया गया। एक बार में 25 पर्यटकों के नियम के साथ सभी को प्रवेश दिया गया। बारकोड के माध्यम से टिकट लेकर पर्यटकों ने खंडहर परिसर में प्रवेश किया। पहला दिन होने के कारण ऑनलाइन टिकट प्रणाली ने पर्यटकों को काफी परेशान भी किया।
ऑनलाइन टिकट अपलोड नहीं होने के कारण कई पर्यटकों को मायूस होकर भी लौटना पड़ा। संग्रहालय बंद होने तक 223 पर्यटकों ने पुरातात्विक संग्रहालय का भ्रमण किया। वहीं लगभग पांच सौ सैलानियों ने पुरातात्विक खंडहर परिसर में भ्रमण किया।
रामनगर किले का संग्रहालय खुला
पुरातात्विक संग्रहालय और खंडहर परिसर में प्रवेश के लिए सोशल डिस्टेंसिंग व थर्मल स्क्रीनिंग का पालन किया जा रहा था। कोविड प्रोटोकॉल के साथ ही 25 पर्यटक एक बार में पुरातात्विक खंडहर परिसर व संग्रहालय में प्रवेश कर रहे हैं।
सरकार द्वारा कोरोना कर्फ्यू में दी गई ढील के बाद रामनगर किले का संग्रहालय बुधवार को आम लोगों के लिए खोल दिया गया। अब लोग इसे पूर्व की तरह सुबह दस से शाम पांच बजे तक देख सकेंगे। बिना मास्क संग्रहालय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं अन्य कोविड प्रोटोकॉल के भी सख्त अनुपालन के निर्देश दुर्ग प्रशासन ने किले के कर्मचारियों को दिए हैं।