लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम पर कार्यवाहक उप सहायक विदेश मंत्री स्काट बुस्बी ने कहा, अमेरिका का मानना है कि गलत सूचना का सही जवाब सच्ची जानकारी है। उन्होंने कहा, गलत सूचना के चलते भारत में लोगों ने जान गंवाई है। स्वतंत्र सूचना तक पहुंच की कमी का भी यही परिणाम रहा है।
महामारी से पहले गलत सूचना के चलते भीड़ की हिंसा में कई लोगों को जान गंवानी पड़ी। इंटरनेट मीडिया द्वारा भड़काए गए गुंडों ने मवेशियों को नुकसान पहुंचाने के संदेह में लोगों पर हमला किया।
अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सांसदों से कहा कि जो बाइडन प्रशासन गलत सूचना के प्रसार का मुकाबला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार और इंटरनेट कंपनियों के साथ काम करना चाहता है।
बुस्बी ने दावा किया, सरकार ने सामग्री पर प्रतिबंध लगाया और इंटरनेट मीडिया कंपनियों की सामग्री को हटाने की मांग की। इससे सूचना तक पहुंच और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
उन्होंने कहा कि पूरे दक्षिण एशिया में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध रहा है। भारत में अधिकारी अमेरिकी कंपनियों को सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित पोस्ट सहित इंटरनेट मीडिया सामग्री को ब्लाक करने के लिए कहते हैं और इसके लिए पत्रकारों पर आरोप लगाते हैं या गिरफ्तार करते हैं।