अगले हफ्ते 16 जून से सराफा कारोबार करने के लिए व्यापारी को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) में पंजीकृत होना अनिवार्य है। बिना बीआईएस में पंजीयन कराए कोई भी कारोबारी व्यापार नहीं कर सकता। इसके लिए बीआईएस के साथ मिलकर सराफा व्यापारिक संगठनों द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में शिविर भी लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि अभी तक प्रदेश में 944 सराफा कारोबारी बीआईएस में पंजीकृत हो चुके हैं।
जानकारी के अनुसार, अभी प्रदेश में करीब 5,500 सराफा कारोबारी हैं। इनमें से सराफा एसोसिएशन से जुड़े करीब 1600 कारोबारी है। बताया जा रहा है कि बीआईएस में पंजीकृत होने वाले वालों में भी एसोसिएशन से जुड़े कारोबारी ही ज्यादा है। बाकी अन्य कारोबारी अभी भी बीआईएस में पंजीकृत नहीं हो पा रहे हैं।
बीआईएस रायपुर कार्यालय के प्रमुख वी गोपीनाथ ने बताया कि सभी सराफा कारोबारियों को व्यापार करने के लिए बीआईएस में पंजीकृत होना अनिवार्य है। 16 जून से आभूषणों में हालमार्किंग की अनिवार्यता लागू होनी है।
20 कैरेट को भी मिले मान्यता
सराफा कारोबारियों का कहना है कि 20 कैरेट के आभूषण को भी हालमार्क की मान्यता मिलनी चाहिए। सराफा कारोबारियों का कहना है कि 20 कैरेट के आभूषणों की मांग ही उपभोक्ताओं में जबरदस्त है। 20 कैरेट के गहने मजबूत होने के साथ ही बजट में भी होते है। इसी कारण इसे काफी पसंद किया जाता है। रायपुर सराफा एसोसिएशन ने इस मांग को लेकर पिछले दिनों केंद्र शासन को पत्र भी लिखा है। सराफा कारोबारियों का यह भी कहना है कि हालमार्किंट सेंटर भी अधिक से अधिक खोले जाने चाहिए।