कोरोना काल में ‘खून का रिश्ता’ कायम कर रही खाकी

दर्जन भर से ज्यादा पुलिसकर्मी खून देकर बचा चुके हैं बीमारों की जान

लॉकडाउन के दौरान सामने आया पुलिस का मानवीय चेहरा
बरेली। पुलिस और उसकी कार्य प्रणाली यूं तो अक्सर लोगों के निशाने पर रहती है, लेकिन अक्सर पुलिस की ओर से ऐसे काम भी किए जाते हैं, जो मानवता की सच्ची सेवा की मिसाल बन जाते हैं। इन दिनों भी पुलिस ऐसा ही एक काम कर रही है। लॉकडाउन के दौरान मानवता का धर्म निभाते हुए पुलिस ‘खून का रिश्ता’ कायम कर रही है। जिले के दर्जन भर से ज्यादा पुलिसकर्मी अस्पतालों में भर्ती बीमारों को खून देकर उनकी जान बचा चुके हैं।
कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगा तो लोगों को घरों में कैद होना पड़ा। मगर तमाम ऐसे लोग थे, जिनके परिवार में कोई बीमार हो गया और उसे अस्पताल में इलाज के दौरान खून की जरूरत पड़ गई। लॉकडाउन के कारण अपने मदद के लिए आगे नहीं आए तो इन लोगों ने सोशल मीडिया के जरिये मदद की गुहार लगाई। किसी ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर मदद मांगी तो किसी ने सीधे बरेली पुलिस को ट्वीट किया। बरेली पुलिस तुरंत ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आई। अब तक दर्जन भर से ज्यादा पुलिसकर्मी अनजान बीमारों को खून देकर उनकी जान बचा चुके हैं।
स्वेच्छा से रक्तदान का निर्णय लेते हैं पुलिसकर्मी
आरआई हरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि जब भी किसी व्यक्ति को खून की जरूरत होती है तो पुलिस लाइन में मौजूद पुलिसकर्मियों को संबंधित व्यक्ति का ब्लड ग्रुप बताकर सूचित कर दिया जाता है। इसके बाद जो भी सिपाही रक्तदान करना चाहता है, वह उन्हें बताकर रक्तदान करने चला जाता है।
अब तक इन्होंने किया रक्तदान
उपनिरीक्षक राजीव सिंह राठी, मुख्य आरक्षी रमेश कुमार, रूपेंद्र सिंह, आरक्षी सोनू कुमार, प्रवेश कुमार, राहुल विकल, अर्पित कुमार, रामू, सुमित कसाना, रिषभ चौधरी, प्रेम किशोर, अमित कुमार, महिला आरक्षी कोमल गिरि, ज्योति सरन के अलावा आईजी कार्यालय के आरक्षी पवन कुमार और कैंट थाने के आरक्षी नवनीत कुमार।

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