किसी बच्चों के स्कूल में, बच्चों के ही शव मिलने लगे…और वो भी इक्का-दुक्का नहीं सैकड़ों की संख्या में, तो जाहिर है,लोगों में हड़कंप मच जाएगा। ऐसा ही कुछ हुआ कनाडा में, जहां एक स्कूल से 215 बच्चों के शव मिले हैं। इनमें से कुछ की उम्र तो तीन साल से भी कम है। एक समाचार विज्ञप्ति के मुताबिक जमीन के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने वाले रडार की मदद से ये शव मिले। सूत्रों के मुताबिक इनकी संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि स्कूल के मैदान और आसपास के इलाकों की तलाशी ली जानी अभी बाकी है। सवाल ये है कि इतनी लाशें आईं कहां से?
बताया जा रहा है कि यह कभी कनाडा का सबसे बड़ा आवासीय विद्यालय हुआ करता था। 19वीं सदी से 1970 के दशक तक फर्स्ट नेशन के 150,000 से अधिक स्थानीय (Indigenous) बच्चों को कनाडाई समाज में शामिल करने कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा वित्त पोषित ईसाई स्कूलों में पढ़ाया जाता था। उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तन के लिए विवश किया जाता और अपनी मातृ भाषा बोलने नहीं दी जाती थी। कई बच्चों को पीटा जाता था और माना जाता है कि उस दौरान 6,000 बच्चों की मौत हो गयी थी।
2015 में ट्रूथ एंड रिकांसिलिएशन कमीशन ने संस्थान में बच्चों के साथ हुए दुर्व्यवहार पर विस्तृत रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया गया कि दुर्व्यवहार एवं लापरवाही के कारण कम से कम 3200 बच्चों की मौत हो गई। इसमें बताया गया कि कैमलूप्स आवासीय स्कूल में 1915 से 1963 के बीच कम से कम 51 मौत हुई थी। कनाडाई सरकार ने 2008 में संसद में माफी मांगी थी और स्कूलों में शारीरिक तथा यौन शोषण की बात स्वीकार की थी।
ब्रिटिश कोलंबिया के सैलिश भाषा बोलने वाले एक समूह फर्स्ट नेशन की प्रमुख रोसेन कैसमिर ने कहा कि कैमलूप्स इंडियन रेजीडेंशियल स्कूल के दस्तावेजों में कभी इसका जिक्र नहीं किया गया। गौरतलब है कि कैमलूप्स स्कूल 1890 से 1969 तक संचालित हुआ था. इसके बाद संघीय सरकार ने कैथोलिक चर्च से इसका संचालन अपने हाथों में ले लिया और यह स्कूल 1978 में बंद हो गया। इस तरह का आखिरी स्कूल 1990 तक चला।