मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना मरीजों से मनमानी वसूली पर नाराजगी जताई है। उन्होंने निर्देश दिया है कि मरीजों से वसूली करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ जांच अभियान चलायाएं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
इसके लिए उन्होंने गोपनीय तरीके से पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। वे शनिवार को टीम-9 साथ समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में कुछ निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों के उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं।
जांच में पता चला कि शासन से तय दरों की अनदेखी कर कच्ची रसीद बनाकर ज्यादा राशि वसूली जा रही है। अस्पतालों की यह कार्यशैली निंदनीय है। उन्होंने अफसरों को गोपनीय तरीके से ऐसे अस्पतालों को चिह्नित करने और सुबूत मिलने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी पीएचसी व सीएचसी की व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी वहां की कार्यशैली को रोजाना मॉनिटरिंग करें। सीएम ने निर्देश दिए कि विशेषज्ञों के आकलन के दृष्टिगत कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के संबंध में प्रो-एक्टिव नीति अपनाई जा रही है।
सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री तैयारियों की दैनिक मॉनिटरिंग करें।
औद्योगिक इकाइयों को मिली ऑक्सीजन उपयोग की अनुमति
सीएम ने कहा कि ऑक्सीजन उपलब्धता की स्थिति को देखते हुए औद्योगिक इकाइयों को उनके उपयोग के लिए ऑक्सीजन उपयोग की अनुमति दी गई है। सुनिश्चित करें कि औद्योगिक गतिविधियां सामान्य रूप से क्रियाशील रहें। लगातार निगरानी रखें ताकि भविष्य में किसी तरह की समस्या न होने पाए।
अधिकारियों ने बताया कि ऑक्सीजन की मांग लगातार घट रही है। कोविड की पीक स्थिति की तुलना में अब सिर्फ 30 फीसदी मांग है। बीते 24 घंटे में 513 एमटी ऑक्सीजन वितरित की गई, इसमें 312 एमटी रीफिलर को उपलब्ध कराई गई। अब तक विभिन्न जिलों में 400 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए गए हैं।