Lockdown in Indore। सप्ताहभर सख्त लाकडाउन का असर दूसरे ही दिन ढीला पड़ता दिखा। सड़कों पर पुलिस तो नजर आई, लेकिन शुक्रवार जैसी सख्ती नहीं दिखी। चेकिंग पाइंट पर ज्यादातर कारवालों को पुलिसवाले सिर्फ टोक रहे थे, लेकिन साइकिल सवार या पैदल जाते गरीबों को ज्यादा रोका जा रहा था। उनमें से ही ज्यादातर को अस्थाई जेल भी भेजा गया। गांधी प्रतिमा, राजवाड़ा, पलासिया, एलआइजी सहित अन्य चौराहों पर दूसरे दिन भी पुलिस जवान लोगों को रोक कर आने-जाने का कारण पूछ रहे थे। किराना दुकान, सब्जी मंडी बंद होने की वजह से वैसे ही लोग सड़कों पर कम नजर आए। शाम पांच बजे बाद जरूर मुख्य सड़कों पर दोपहर की तुलना में ज्यादा ट्रैफिक नजर आया।
वैक्सीन लगाने जा रहे : तीन पुलिया पर पुलिस ने बैरिकेड लगा रखे थे। सुबह साढ़े 10 बजे से वाहन चालकों को रोका जा रहा था। एक दोपहिया वाहन सवार युवक को रोका तो उनसे मोबाइल निकाल कर पुलिस जवानों को बताया टीके का स्लाट बुक कराया है। पिंक फ्लावर स्कूल जाना है टीका लगाने। पुलिस जवानों ने उसे जाने दिया। जिनके पास आने-जाने की कोई ठोस वजह नहीं थी, वे सर्वहारा नगर की गलियों में से होकर गुजरते रहे।
दफ्तर-अस्पताल बताने पर जाने दिया : टोटल लाकडाउन के दूसरे दिन शहर में पुलिस का रवैया थोड़ा नरम दिखा, लेकिन पाटनीपुरा पर सख्ती देखी गई। कई लोगों को रोककर घर से बाहर निकलने की वजह पूछी। उन्होंने दफ्तर और अस्पताल जाना बताया। कागज देखने के बाद पुलिसकर्मियों ने बैरिकेड्स हटा दिए। कई ऐसे भी लोग थे, जो ठीक से जवाब नहीं दे पाए। इनसे सड़क पर ही कान पकड़कर उठक-बैठक लगवाई। पाटनीपुरा-आस्था टाकिज की तरफ पुलिस दिनभर गश्त लगाती रही, ताकि कोई सब्जी-फल बेचने न निकल जाए। मोहल्लों व कालोनियों की गलियों में जरूर लोग घूमते दिखे।