Gwalior Corona Virus News:काेराेना की दूसरी लहर पहली से अधिक घातक रही। इसमें सबसे अधिक युवा महामारी की चपेट में आए। अब समय रहते लाेगाें ने वैक्सीन नहीं लगवाई ताे तीसरी लहर आैर भी भयावह स्थिति ला सकती है। एमआइटीएस कालेज के एमसीए विभागाध्यक्ष डा आरएस जादाैन का कहना है कि तीसरी लहर, दूसरी लहर से भी प्रबल हाेगी। जिसकी जद से शायद ही काेई संक्रमित हाेने से बच सकेगा।
डा जादाैन का यह भी कहना है कि जब तक सभी लाेगाें में एंटीबॉडी( हर्ड इम्युनिटी) विकसित नहीं हाेगी तब तक यह लहरें आती रहेंगी। इन लहराें काे वैक्सीनेशन रूपी रक्षा कवच ही कमजाेर या राेक सकता है, इसलिए जरूरी है जल्द से जल्द सभी वैक्सीन लगवाएं। तीसरी लहर के आने की गणना की जा रही है। माना जा रहा है कि अक्टूबर के आसपास आ सकती है।
पांच माह में हाे रहा वायरस में म्यूटेशनः डा जादाैन का कहना है कि अब काेविड वायरस ढलान पर है, इसलिए संक्रमण घटने लगा है। वायरस में म्यूटेशन हाेने पर यह फिर लाेगाें काे तेजी से अपनी चपेट में लेगा। काेविड वायरस में तीन से चार माह के बीच म्यूटेशन हाेना देखा जा रहा है।
म्यूटेशन का मतलबः वायरस के जीन में डीएनए व आरएनए दाेनाें हाेते हैं। समय-समय पर जीन के डीएनए में बदलाव हाेता है ताे उसे म्यूटेशन या उत्प्रेरण कहते हैं। चूंकि वायरस अपनी वृद्धि के लिए सतत प्रयत्नरत रहता है। म्यूटेशन कर वायरस खुद काे अधिक शक्तिशाली बनाता है।
तीसरी लहर में बच्चाें काे खतराः विशेषज्ञाें का मानना है कि जिन लाेगाें काे वैक्सीन का लाभ मिल चुका हाेगा वह काेराेना की तीसरी लहर में कम प्रभावित हाेंगे। वहीं जाे लाेग दूसरी लहर में काेराेना काे हरा चुके हैं, उन पर भी वायरस कम प्रभाव डाल सकेगा। क्याेंकि उनमें एंटीबॉडी बन चुकी हाेगी। वहीं जिन लाेगाें काे वैक्सीन नहीं लग पाएगी वह अधिक चपेट में आएंगे। साथ ही बच्चाें पर भी तीसरी लहर का अधिक असर देखा जा सकता है।
टीकाकरण ही बचावः गणितज्ञाें का मानना है कि दूसरी लहर के आने से पहले टीकाकरण शुरू हुआ। इसमें 45 से अधिक उम्र के तीन लाख लेग काेराेना वैक्सीन का पहला व दूसरा डाेज लगवा चुके थे, जिसका असर दूसरी लहर में देखनें काे मिला। दूसरी लहर में इस उम्र वर्ग के कम लाेग संक्रमित हुए, जबकि युवा 18 से 44 वर्ष सबसे अधिक संक्रमण की चपेट में आए।
डेटा एनालिटिक्स मशीन लर्निंग पद्धतिः गणितज्ञ प्राे डा आरएस जादाैन का कहना है कि भविष्य में कब क्या हाेगा इसका अनुमान पुराने डेटा के आधार पर लगाया जाता है। कैगल साइट पर अंतरराष्ट्रीय काेविड डेटा उपलब्ध है, जिसके आधार पर गणना की जाती है। इसमें किस वक्त कितने मरीज पाए गए, कितने स्वस्थ हुए व कितनाें की माैत हुई। साथ ही कितने संक्रमित हुए, उनमें लक्षण, उम्र, लिंग, ब्लड ग्रुप, जांच रिपाेर्ट एवं संक्रमण की अवधि आदि के डेटा से अनालिटिक्स मशीन लर्निंग पद्धति के आधार पर गणना करते हैं। उपलब्ध डेटा के आधार पर भविष्य में डेटा किस प्रकार परिवर्तित हाेगा, इसका भी पुर्वानुमान लगाया जाता है। दूसरी लहर के निकलने के चार माह बाद तीसरी लहर आने की आशंका हाेती है। इस डेटा में वैक्सीनेशन व हर्ड इम्युनिटी का डेटा शामिल नहीं है। यदि वैक्सीनेशन से हर्ड इम्युनिटी डवलप हाेती है ताे संभावना है कि यह पूर्वानुमान सटीक न निकले।
यह होनी थी कोरोना को लेकर भविष्य की तैयारियां
:- जिला अस्पताल मुरार में ऑक्सीजन प्लांट तैयार करना।
:- सिविल अस्पताल हजीरा में ऑक्सीजन प्लांट तैयार किया जा रहा है।
:- एसएनसीयू सिविल अस्पताल हजीरा में तैयार किया जाना है।
:-एनएनसीयू जिला अस्पताल मुरार में 20 से 40 बिस्तरों का तैयार किया जाना है।
:- 20 बिस्तरीय आईसीयू जिला अस्पताल मुरार में तैयार किया जाना है।
– विभिन्न् कंपनियों के सीएसआर फंड से 200 ऑक्सीजन बेड तैयार किए जाने हैं।
:- 1000 बिस्तरीय अस्पताल जल्द शुरू किया जाना है।
:- 2 साल की संविदा नियुक्ति पर पैरा मेडिकल स्टॉफ भर्ती किया जाना है।
संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना से सीधी बातः
प्रश्न:- ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने थे उनका काम धीमा चल रहा है?
उत्तर:- ऑक्सीजन प्लांट के लिए स्ट्रक्चर तैयार हो चुके हैं, बस अब प्लांट आने का काम बाकी है, जैसे ही प्लांट आए जाएंगे उन्हें तीन दिन में स्थापित कर दिया जाएगा।
प्रश्न:- पैरामेडिकल स्टॉफ की भर्ती होनी थी, अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है?
उत्तर:- पैरामेडिकल स्टॉफ और नर्साे के लिए विज्ञापन जारी किए गए हैं। सरकारी कॉलेज से पढाई करने वाली नर्साे को तत्काल ले लिया जाएगा जबकि प्राइवेट कॉलेज से पढ़ाई करने वाले नर्साे के लिए परीक्षा आयोजित होगी।
प्रश्न: 500 बिस्तर का अस्पताल का भी काम धीमा चल रहा है, जून तक कैसे होगा तैयार?
उत्तर: 500 बिस्तर का अस्पताल तैयार करने में कोई परेशानी नहीं है, बस पलंग और अन्य उपकरण आने हैं, बिल्डिंग के एक हिस्से में इसे तैयार कर दिया जाएगा। बाकी बिल्डिंग का काम है तो वह चलता रहेगा। लेकिन मरीजों को इलाज मिलना प्रारंभ हो जाएगा।