प्रदेश के 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को फिर से ऑन स्पॉट कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए शासन स्तर पर सहमति बन गई है। टीकाकरण के लक्ष्य में गिरावट के कारण फिर से ऑन स्पॉट टीकाकरण कराने का फैसला लिया गया है। 10 मई से प्रदेश सरकार ने 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों का टीकाकरण बंदकर दिया गया था। इसके चलते खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का टीकाकरण नहीं हो पा रहा था।
प्रदेश में कोरोना टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। 10 मई से 45 वर्ष से ऊपर वालों को ऑन स्पॉट पंजीकरण और टीकाकरण की सुविधा बंद करने के बाद रोज का लक्ष्य पूरा करने में दिक्कतें आ रही थी। हालांकि 18 वर्ष से ऊपर के लोगों का टीकाकरण करने से अचानक लाभार्थियों की संख्या बढ़ गई और वैक्सीन की कमी हो गई। इसके चलते ऑन स्पॉट पंजीकरण को बंदकर दिया गया।
अब स्थिति यह है कि लोगों को टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण में स्लॉट भी नहीं मिल रहे हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से पंजीकरण न कराने के कारण लोग टीकाकरण केंद्र से वापस भी लौटने लगे थे। इसी के बाद शासन स्तर पर अधिकारियों की बैठक में यह फैसला किया गया कि जो भी टीकाकरण केंद्र पहुंचेगा, उसे वापस नहीं लौटाय जाएगा। इस मामले में अभी कोई शासनादेश जारी नहीं किया गया है।
यूपी में रहने वाला कोई भी करा सकता है टीकाकरण
उप्र में कोरोना टीकाकरण के लिए स्थानीय निवासी और आधार कार्ड की बाध्यता नहीं है। यहां रहने वाला 18 से 44 आयु वर्ग के सभी लोग अपना व परिवार के सदस्यों का टीकाकरण करा सकते हैं। बस उसे कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक अपर्णा उपाध्याय के अनुसार प्रदेश में वर्तमान में निवास कर रहे प्रत्येक परिवार के सदस्य अपने निवास के प्रमाण पत्र के रूप में किराया, लीज अनुबंध, बिजली का बिल, बैंक पास बुक या नियोक्ता से जारी प्रमाण पत्र दिखाकर अपना टीकाकरण करा सकते हैं। प्रदेश के 18 से 44 आयु वर्ग के स्थायी या अस्थायी निवासियों को ही टीकाकरण के लिए सर्वोच्च प्राथमिक दी जानी है।