लॉकडाउन में पुलिस प्रशासन की सख्ती से कोरोना संक्रमण का चेन तोड़ने में मदद मिल रही है लेकिन उन मरीजों और उनके परिजनों के लिए शामत की स्थिति आ गई है, जो खाना पकाने में असमर्थ हैं। ऐसे में मरीजों की मदद पहुंचा रहे छात्रों पर खाना ले जाते समय भी पुलिस के डंडे बरस रहे हैं। छात्रों ने प्रशासन से अपील की है कोई रास्ता निकाला जाए जिससे मरीजों को खाना पहुंचे अन्यथा उनकी स्वास्थ्य की स्थिति काफी विकट हो जाएगी।
लॉकडाउन की घोषणा के बाद मंगलवार की रात और बुधवार को पटना के अलग-अलग इलाकों में दिन भर में ऐसे कई मामले सामने आए जब पुलिस ने उन छात्रों या युवाओं पर भी लाठियां चटकाईं जो मरीजों का खाना पहुंचाने जा रहे थे। बेली रोड पर इसी क्रम में भागने के चक्कर में एक दो छात्र मोटरसाइकिल से गिरकर चोटिल हो गए। अशोक राजपथ में दो युवाओं को तब पीटा गया जब वे मरीज को खाना पहुंचाकर बुधवार की दोपहर घर लौट रहे थे।
कोरोना मरीजों को खाना आपूर्ति करा रहे छात्र प्रशांत ने कहा कि प्रशासन को ही इस मामले में पहल करने की जरूरत है। वरना भूख से होम आइसोलेशन में रहने वाले और खाना बनाने में असमर्थ मरीजों की तबीयत बिगड़ती जाएगी। व्यक्तिगत स्तर पर मदद पहुंचा रहे छात्र अंकित आजाद गुप्ता ने भी प्रशासन से ऐसे युवाओं के लिए कोई रास्ता निकालने के लिए गुहार लगाई है। अंकित ने कहा कि ऐसे में मदद न मिलने से कई मरीजों का बड़ा नुकसान हो सकता है। छात्र नेता राजा रवि ने कहा कि प्रशासन को ऐसे युवाओं का सहयोग लेना चाहिए और ऐसे समूहों के लिए पास जारी करने की प्रकिया को सहज करने की जरूरत है।