अपनी गुल्लक तोड़कर पीएम केयर्स में 5100 रुपये दान करने वाली बच्ची पूर्णत: स्वस्थ है और अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद अब वह अपने घर भी पहुंच चुकी है। एक सप्ताह से अधिक समय तक वसुंधरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती रही इस बच्ची की मौत की फर्जी खबर ट्विटर पर काफी वायरल हुई थी। इस मामले में इंदिरापुरम कोतवाली पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर तीन आरोपियों के खिलाफ अफवाह उड़ाने, सूचना एवं प्रौद्योगिकी एक्ट व महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
बच्ची की मौत की अफवाह वायरल होने के बाद एसएसपी अमित पाठक ने मामले की जांच कराई थी। पुलिस जब अस्पताल पहुंची, उस समय बच्ची के पिता शैलेश कुमार पांडेय उसे अस्पताल से डिस्चार्ज करा रहे थे। पुलिस की पूछताछ में उन्होंने बताया कि उनकी बेटी कुमारी शक्ति पांडेय कोरोना पॉजिटिव हुई थी। उसे 17 अप्रैल को अवंतिका अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था। इलाज के बाद वह अब पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गई है। पिता के इस बयान की पुष्टि के लिए पुलिस ने अस्पताल का डिस्चार्ज बुक देखा और उसकी प्रतिलिपि लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ाने वाले तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। तीनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने महामारी एक्ट, सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
अफवाह से दुखी हैं पिता : वसुंधरा में रहने वाले शैलेश पांडेय ने बताया कि उनकी बेटी की मौत की अफवाह से वह काफी दुखी हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने स्वेच्छा से अपना गुल्लक तोड़कर पीएम केयर्स में दान किया था। बीमार होने के बाद भी उन्होंने किसी से शिकायत नहीं की थी। इसके बावजूद सोशल मीडिया में इस तरह की अफवाह चलने से उन्हें काफी ठेस पहुंची है। उन्हीं के आग्रह पर इंदिरापुरम कोतवाली ने तीनों ट्विटर हैंडल संचालकों संदीप चौधरी, दिनेश सिंह और मोहम्मद दानिश के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
आरोपी ने डिलीट किया अकाउंट : इंदिरापुरम में मुकदमा दर्ज होते ही आरोपियों ने बुधवार को अपने ट्वीट डिलीट कर दिए। वहीं बुधवार की ही देर रात दानिश ने अपना ट्विटर अकाउंट भी बंद कर दिया। ऐसे में पुलिस उनके आईपी एड्रेस की मदद से उनकी तलाश कर रही है।