यूपी में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को निगरानी समितियों से रूबरू हुए। सीएम योगी ने कहा है कि कोविड महामारी में उत्तर प्रदेश की नियंत्रित स्थिति कुछ लोगों को अच्छी नहीं लग रही। ऐसे लोग कमियां निकालते हैं। अनावश्यक टीका टिप्पणी करने वाले यह लोग हमारे कोविड वॉरियर के कार्यों का अपमान कर रहे हैं। जिनकी प्रशंसा करनी चाहिए उनके काम में खोट निकालना अच्छा काम नहीं है। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियां गांव हो या शहर। हर जगह बाहर से आने वाले लोगों का जांच वहीं कराएं। हर दिन उस व्यक्ति से संपर्क करें। उन्हें मेडिकल किट मुहैया कराएं। आपको लगता है कि आरटीपीसीआर में देर हो रही है तो एंटीजन टेस्ट कराएं। एंटीजन में देर हो तो ट्रूनेट टेस्ट कराएं। लापरवाही किसी स्तर पर न हो।
मुझे संक्रमण हुआ तो घर पर रहा, अब ठीक हो रहा हूं
मुख्यमंत्री ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें कोविड संक्रमण हुआ, वह घर पर रहे, इलाज करा रहा हूं। अब ठीक हो रहा हूँ। लोगों को बताएं कि अनावश्यक सब लोग हॉस्पिटल की ओर न भागें। सबको ऑक्सीजन नहीं चाहिए। सबके लिए रेमेडेसीवीर जरूरी नहीं। डॉक्टर तय करेंगे क्या जरूरी है।
जितनों को टीका लगना होगा उतने ही बुलाए जाएंगे
एक मई से 18 वर्ष से अधिक के लोगों का निःशुल्क टीकाकरण होने जा रहा है। सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है कि उतने ही लोग सेंटर पर आएं जितनों का नम्बर है। ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि उतने ही लोग बुलाये जाएं, जितने को टीका लगना है। टीकाकरण केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन हो। सीएम ने कहा कि कोविड के खिलाफ इस लड़ाई में हमारी नीति सही दिशा में है। चार दिन पहले तक प्रदेश में 38 हजार नए मामले रोज आ रहे थे, आज घटते-घटते 29 हजार पर आ गए।
निगरानी समितियों का महत्वपूर्ण योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि 40 लाख प्रवासी श्रमिकों के टेस्ट और ट्रैक करने की बात हो, उन्हें क्वारन्टीन सेंटर में व्यवस्थित करना हो, खाद्यान्न वितरण कराना हो, होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को मेडिकल किट उपलब्ध कराने हो, सभी क्षेत्रों में निगरानी समितियों की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है। टेस्टिंग कैपिसिटी को बढ़ाने का काम हो रहा है। यह क्षमता 10 मई तक दोगुनी हो जाएगी। प्रदेश में इस समय 2.52 लाख लोग होम आइसोलेशन में हैं।