उत्तर प्रदेश में पीलीभीत के बरखेड़ा में 4 अप्रैल को हुई मारपीट की घटना में घायल व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद शव के अंतिम संस्कार करने को लेकर ग्रामीणों की पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों से नोकझोंक हो गई। एंबुलेंस में तोड़फोड की कोशिश की गई। पुलिस एंबुलेंस को ले गई तो ग्रामीणों ने हंगामा कर जाम लगा दिया। सूचना पर एसडीएम, सीओ बीसलपुर चार थानों की फोर्स के साथ पहुंचे। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद जाम खुलवाया जा सका।
थाना बरखेड़ा क्षेत्र के गांव आमडार निवासी राजबहादुर सिंह पुत्र रामपाल सिंह ने 10 अप्रैल को थाना बरखेड़ा में एफआईआर दर्ज कराई। इसमें कहा था कि चाचा के परिवार से जमीन के विवाद को लेकर मारपीट हो गई थी। इसमें इसमें पिता घायल हो गए थे। उन्हें शहर के एक अस्पताल में भर्ती करया था। मंगलवार को सांस की दिक्कत होने पर बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे एंटीजन किट से कराई गई जांच में वह पॉजिटिव आ गए। इसके थोड़ी देर बाद उनकी मौत हो गई।
कोरोना प्रोटोकॉल के हिसाब से शव का आनन-फानन में पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद परिवार के लोगों ने गांव के ही मुक्तिधाम पर ले जाकर मृतक का अंतिम संस्कार करने को कहा। काफी कहने-सुनने स्वास्थ्य विभाग के लोग राजी हुए। एंबुलेंस के मुक्तिधाम पहुंचते ही ग्रामीण एंबुलेंस को गांव के अंदर ले जाने की मांग पर अड़ गए। सूचना पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंचग गई।
पुलिस कर्मियों के हल्का बल प्रयोग करने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए और एंबुलेंस को घेर लिया और तोड़फोड़ की कोशिश की। ग्रामीणों ने गांव के समीप नगरा चैराहे के समीप जाम लगा दिया। जाम की सूचना पर एसडीएम राकेश गुप्ता और सीओ प्रशांत सिंह चार थानों की फोर्स के साथ पहुंचे। लगभग दो घंटे बाद जाम खुल सका।