डायन बताकर महिलाओं की लाठी-डंडे से पीटकर की हत्या, कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

सत्रवाद संख्या 216/19 में सुनवाई करते हुए गुरुवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय अनिल कुमार मिश्रा ने दोहरे हत्याकांड में भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 201 तथा 3/4 डायन एक्ट के तहत कुल 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं सभी सात आरोपियों को 2-2 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। 

बताते चलें कि लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के सवैया गोपालीगांव में 28 फरवरी 2019 की शाम लगभग 05:30 बजे कपूरबा देवी एवं उसकी ननद प्रमिला देवी पर उनके ही ग्रामीणों ने डायन होने का आरोप लगाकर लाठी-डंडे से पीट-पीटकर दोनों की हत्या कर दी थी। साथ ही दोनों के शव को पथली नदी के किनारे बालू में गाड़ दिया था।

इस मामले के सूचक कपूरवा देवी के पुत्र मुंशी मांझी ने 28 फरवरी 2019 को लड़ैयाटांड थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले में उपलब्ध साक्ष्य एवं गवाहों के बयान पर एडीजे तृतीय अनिल कुमार मिश्रा ने मनोज मांझी, कोईली मांझी, साधो मांझी, मुख्तार मांझी, रामविलास मांझी, जीवन मांझी तथा धर्मेश मांझी को हत्या का दोषी पाया था। 

इसी मामले में आज सभी आरोपियों को सजा सुनाई गई। इस वाद में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक सरोज कुमार ने बहस में भाग लिया।

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