नवादा में हुई मौतों के पीछे नकली शराब को कारण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर पटना से आई जांच टीम ने स्वीकार किया कि नवादा में तीन दिनों में जो मौतें हुई हैं, उसकी वजह नकली शराब हो सकती है। जांच टीम का नेतृत्व कर रहे आयुक्त उत्पाद सह निबंधन महानिरीक्षक बी कार्तिकेय धनजी ने नवादा सर्किट हाउस में शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि इंटेलिजेंस, अब तक की गयी छापेमारी और तलाशी के बाद जो भी बातें सामने आयी हैं, उससे प्रथम दृष्टया लोगों की हुई मौत में कहीं न कहीं नकली शराब की बात सामने आ रही है।
नवादा के डीएम व जांच टीम के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में उत्पाद आयुक्त ने कहा, लेकिन इसकी संपुष्टि हम तभी कर सकते हैं, जब विसरा रिपोर्ट व जब्त की गई शराब की रिपोर्ट आ जाए। मौके पर जांच टीम के सदस्य आईजी मद्य निषेध अमृत राज, संयुक्त आयुक्त मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग कृष्णा प्रसाद और एसपी मद्य निषेध पटना संजय कुमार सिंह के अलावा अधीक्षक मद्य निषेध नालंदा विजय शेखर दुबे मौजूद थे। आईजी मद्यनिषेध अमृत राज ने बताया कि आसूचना के आधार पर छापेमारी और तलाशी ली गई। इस दौरान बरामद शराब को जांच के लिए केमिकल लैब भेजा गया है। साथ ही मृतक के परिजनों से भी बात की गई। तमाम पहलुओं को देखने के बाद प्रथम दृष्टया नकली शराब का मामला लगता है।
24 घंटे के भीतर निष्कर्ष पर पहुंची टीम
नवादा में लगातार हो रही मौत को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर भेजी गयी जांच टीम 24 घंटे के भीतर निष्कर्ष पर पहुंच गयी। उत्पाद आयुक्त की अध्यक्षता में गठित जांच टीम शुक्रवार की शाम करीब छह बजे नवादा सर्किट हाउस पहुंची थी। उस वक्त से लगातार देर रात तक व शनिवार दोपहर तक टीम नवादा डीएम यशपाल मीणा, एसपी धुरत सायली सावलाराम व अधीक्षक मद्य निषेध अनिल कुमार आजाद से पूछताछ कर मामले की समीक्षा करती रही। नवादा के अधिकारियों द्वारा घटना से संबंधित पेश किये गये साक्ष्यों के आधार जांच टीम दोपहर बाद निष्कर्ष पर पहुंच गयी व पटना लौट गयी। मामले की जांच के लिए टीम को कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ी। बता दें कि 31 मार्च से 01 अप्रैल तक नवादा नगर थाना क्षेत्र के 16 लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी थी, जबकि चार की आंखों की रौशनी जा चुकी है।
उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि नवादा में हुई मौतों के पीछे नकली शराब की आशंका है। इसकी पुष्टि के लिए तीन मृतकों का विसरा जांच के लिए लैब भेजा जा चुका है। रिपोर्ट के आधार पर इसकी संपुष्टि की जा सकती है। सात एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच शुरू कर दी गयी है। बहुत सारे लीड्स व इनपुट्स मिले हैं। जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इसमें पुलिस व मद्य निषेध विभाग के अधिकारी शामिल हैं।