भोपाल : राजधानी सहित भोपाल संभाग के सभी जिलों में अब पांच अप्रैल से जल संचयन अभियान चलाया जाएगा। पहले यह अभियान दो अप्रैल से चलना था। इस अभियान में संभाग की करीब एक हजार जल संचयन जल संरचनाओं का निर्माण और जीर्णोद्वार किया जाएगा। संभागायुक्त कवींद्र कियावत ने इस संबंध में अधिकारियों को अपने जिलों के लिए निर्धारित लक्ष्य अनुसार व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
प्रशासन के “जल संचयन” अभियान के अंतर्गत जिलों द्वारा जल संचयन गतिविधियों के तहत भोपाल में 100, सीहोर में 125, रायसेन में 200, विदिशा में 250 और राजगढ़ में 325 तालाबों के जीर्णोद्धार हेतु 920 स्थल चयनित किए गए हैं। इनमें से 666 प्रकरणों में तकनीकी व 191 प्रकरणों में प्रशासकीय स्वीकृति भी जारी हो चुकी है।
कियावत ने कहा कि देश के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के लिए जल संरक्षण अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जल संरक्षण जरूरत भी है और हमारा कर्तव्य भी। इस अभियान में मनरेगा योजना से भी कार्य किया जाएगा। कियावत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मनरेगा योजना से नई जल संरचनाओं के निर्माण व पुरानी जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार हेतु समयसीमा में कार्य पूरे कर लिए जाएं।
संभागायुक्त ने सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से कहा है कि जिलों में जीर्णोद्धार, नवीन जल संरचनाओं के निर्माण व बंद खदानों को जल संरचना में परिवर्तित करने के लिए पूरे संभाग में एक ही दिन काम प्रारंभ किया जाएगा। इससे जल संरक्षण के प्रति एक सार्थक संदेश समाज में प्रसारित होगा। जल संचयन अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक जल संचयन संबंधी कार्य किया जाएगा।