बिहार के नवादा जिले में 10 लोगों की संदिग्ध मौत के बीच चर्चा कि पुलिस-प्रशासन ने इस मामले में समय पर संज्ञान नहीं लिया। यदि समय पर संज्ञान लिया होता तो शायद कई की जानें बच सकती थीं। जानकारी के मुताबिक मंगलवार की देर शाम गोंदापुर के एक व्यक्ति को सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस के डर से परिजन उसकी बॉडी लेकर घर चले आते हैं। रात में पुलिस को सूचना मिली,परंतु पुलिस ने इसे हल्के में लिया। इसका परिणाम हुआ कि सुबह तक नौ लोगों की लाशें बिछ चुकी थी।
बुधवार की दोपहर पुलिस-प्रशासन सक्रिय हुआ और औपचारिकताएं की जाने लगीं। फजीहत यह है कि अब तक प्रशासन को अन्य पीड़ितों की जानकारी नहीं मिल सकी है, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। यदि समय पर उनका बेहतर इलाज नहीं किया गया तो कुछ भी अनिष्ट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों के परिजन बातचीत करने से कतरा रहे हैं और जानकारी नहीं दे रहे हैं। कई लोग घर छोड़कर भाग गये हैं। ऐसे में प्रशासन के लिए काम करने में बाधा आ रही है।
आनन-फानन में पहुंचे डीएम-एसपी
नवादा में इतनी बड़ी घटना होने के बाद शाम करीब चार बजे डीएम यशपाल मीणा व एसपी धुरत सायली सावलाराम घटनास्थल पर पहुंचीं और हालात का जायजा लिया। डीएम-एसपी ने अधिकारियों को मामले में समुचित निर्देश दिये। इससे पहले दोपहर करीब 12 बजे मौत की संख्या में वृद्धि के बाद प्रशासन हरकत में आया और सदर एसडीओ उमेश कुमार भारती, एसडीपीओ उपेन्द्र प्रसाद, अधीक्षक मद्य निषेध अनिल कुमार आजाद, नगर थानाध्यक्ष टीएन तिवारी व बीडीओ सदर कुमार शैलेन्द्र घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तब तक सभी शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका था। इसी वजह से किसी भी मृतक का पोस्टमार्टम नहीं हो सका।
मेरे पति बीमार नहीं थे। शराब पीने से उनके मौत हो गयी। बाहर से पॉलिथीन वाली शराब पीकर आए और घर में मौत हो गयी। इस इलाके में शराब मिलती है।
-प्रियंका देवी, पत्नी स्व. दिनेश सिंह
मेरा भाई बाहर से शराब पीकर आया था। तबियत बिगड़ने पर उसे डॉक्टर के पास लेकर गये,जहां उसकी मौत हो गयी। डॉक्टर बोले की शराब में प्वायजन था। उसने उल्टी भी की थी।
-चुनचुन कुमार, भाई स्व. गोपाल कुमार
शराब पीने से मेरे पिता की आंख की रोशनी चली गयी। सरकारी हॉस्पिटल ले गये, पर वहां गांव के एक आदमी की मौत को देख वह डर से घर भाग आये। घर पर स्लाइन किया गया।
-किस्मतिया देवी, पुत्री, चमारी चौधरी
मेरे पति शराब पीकर आये थे। तबियत बिगड़ने पर एक डॉक्टर के पास ले गये। उसने बाहर ले जाने के लिए कहा। फिर नवादा के एक अस्पताल में ले गये,जहां उनकी मौत हो गयी।