बिहार में सरकारी कर्मचारियों को होली पर मिला तोहफा। अब सरकारी कर्मचारी या अधिकारी के घर अगर बच्चा होता है तो प्रसव पर होने वाले चिकत्सकीय खर्च स्वास्थ्य विभाग उठाएगा। प्रदेश की आम जनता के साथ सरकारी कर्मी भी सुरक्षित प्रसव को लेकर जागरूक बनें, इस बाबत स्वास्थ्य विभाग ने यह पहल की है। शर्त है कि सरकार की ओर से यह सहायता प्रथम दो संतानों तक ही सीमित रहेगी।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने उपर्युक्त जानकारी देते हुए शुक्रवार को बताया कि सरकार ने फैसला किया है कि कर्मियों के घर बच्चे के जन्म लेने पर प्रसव के दौरान होने वाले खर्च की चिकित्सा प्रतिपूर्ति स्वास्थ्य विभाग करेगा। उपचार नियमावली के अनुसार राज्य सरकार को यह शक्ति है।
श्री पांडेय ने बताया कि वर्तमान में अखिल भारतीय सेवाओं के कर्मियों और कई राज्य सरकारें अपने कर्मियों को सामान्य प्रसव व सिजेरियन प्रसव के लिए मेडिक्लेम आधारित सुविधा उपलब्ध कराती हैं। अब बिहार सरकार भी यह सुविधा अपने कर्मियों व अधिकारियों को उपलब्ध कराएगी। अच्छी बात यह है कि बच्चे का जन्म चाहे नॉर्मल डिलेवरी से हो या फिर सिजेरियन, दोनों स्थिति में सरकारी कर्मियों को विभाग की ओर से चिकित्सा प्रतिपूर्ति मिलेगी।