यूपी के मंत्री, सांसद और विधायक भी कामकाज में अधिकारियों की लेट-लतीफी से परेशान हैं। सुनवाई न होने से नाराज ये मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसकी शिकायत कर रहे हैं। इतना ही नहीं, वह अपनी शिकायतें और समस्याएं आईजीआरएस पोर्टल (इंटीग्रेटेड ग्रेवांस रेड्रेसल सिस्टम) पर भी दर्ज करवा रहे हैं। कुछ मामलों में तो खुद मुख्यमंत्री कार्यालय ने उनकी शिकायतों को आईजीआरएस पर दर्ज करवा दी है। इसका उन्हें फायदा भी मिल रहा है। जिन कामों को कराने के लिए इन सांसदों-विधायकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है, आईजीआरएस से वह आसानी से निस्तारित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों अधिकारियों को विधायकों और सांसदों की समस्याएं प्राथमिकता से निस्तारित करने का निर्देश दिया था। उसके बावजूद अधिकारियों पर लेट-लतीफी और लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। आईजीआरएस पर लोगों का विश्वास बढ़ा है। इसीलिए आम नागरिकों के साथ-साथ मंत्री, सांसद और विधायक भी इस पर शिकायतें दर्ज करा रहे हैं।
राज्य मंत्री स्वाति सिंह, सांसद कौशल किशोर समेत कई की शिकायतें आईजीआरएस पर दर्ज
-राज्य मंत्री स्वाति सिंह की हिंद नगर कॉलोनी को नगर निगम को हैंड ओवर करने के संबंध में एक शिकायत आईजीआरएस पर दर्ज है, जिसका नंबर 11157180082696 है। इस सम्बंध में दो मार्च को विशेष सचिव आवास रणविजय सिंह ने एलडीए से रिपोर्ट मांगी है।
-लखनऊ के मोहनलालगंज सीट से सांसद कौशल किशोर की कई शिकायतें आईजीआरएस पर दर्ज हैं। उन्होंने वास्तुखण्ड गोमतीनगर की छेदाना को रोजी रोटी के लिए मिले चबूतरे की रजिस्ट्री कराने के लिए सीएम को पत्र लिखा। उनकी यह शिकायत 31 जनवरी को आईजीआरएस पर दर्ज हुई है। जिसका नंबर 19000210008906 है।
-विधायक सुरेश श्रीवास्तव की आईजीआरएस पर की गई शिकायत का नम्बर 1815719004 9218 है। विधायक नीरज बोरा की भी शिकायतें आईजीआरएस पर दर्ज हैं। शेखूपुर बदायूं के विधायक धर्मेंद्र शाक्य की भी कई शिकायतें आईजीआरएस पर दर्ज हैं। 24 फरवरी को उन्होंने लखनऊ के सरसांवा में सरकारी जमीन पर तीन कम्पनियों के नक्शा पास करने की शिकायत की है।
-अमांपुर कासगंज के विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह ने गोमतीनदी के किनारे तटबंध की जमीन पर भवन बनाने के लिये बिल्डर को परमिट देने की शिकायत की है।
-बरेली के विधायक डॉ. अरुण कुमार की फ्लैट संख्या ई- 508 ग्रीनवुड अपार्टमेंट गोमतीनगर विस्तार में जल रिसाव की शिकायत दो फरवरी को आइजीआरएस पर दर्ज है।
– कानपुर नगर के विधायक सुरेंद्र मैथानी ने 10 जनवरी को आशा सिंह के शिप्रा एस्टेट बिल्डर से खरीदे दोनों भूखण्डों की रजिस्ट्री कराने के संबंध में सीएम को पत्र लिखा, यह शिकायत भी आईजीआरएस पर है।
-महोली के विधायक शशांक त्रिवेदी की शिकायत कानपुर रोड योजना के सेक्टर जे रेल नगर स्थित व्यावसायिक भूखंडों को कब्रिस्तान वालों के अनाधिकृत कब्जे से बचाने तथा इनकी नीलामी कराने के संबंध में है।
आईजीआरएस पर बढ़ा विश्वास, आप भी दर्ज करा सकते हैं शिकायत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश में शिकायत निवारण के लिए एक एकीकृत प्रणाली आईजीआरएस बनाई गई है। इस पोर्टल पर कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके लिए jansunwai.up.nic.in पर जाना होगा। इसको क्लिक करने के बाद शिकायत दर्ज कराने के लिए पोर्टल खुल जाएगा। बड़े पैमाने पर आम नागरिक इस पर अपनी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं और उनका निस्तारण भी हो रहा है। अधिकारी बताते हैं कि आईजीआरएस पर शिकायतें दर्ज होने के बाद इनकी नियमित मॉनिटरिंग होती है। जब तक शिकायत का समाधान नहीं होता, तब तक यह निस्तारित नहीं मानी जाती। निस्तारण के बाद भी फोन करके पूछा जाता है कि वह शिकायत के निस्तारण से संतुष्ट हैं या नहीं। संतुष्ट न होने पर शिकायत दोबारा जिंदा हो जाती है। इसी वजह से सबका विश्वास आईजीआरएस पर बढ़ा है।
अधिकारी नहीं सुनते तो राजा के पास जाना पड़ता है
डा. नीरज बोरा, विधायक, लखनऊ उत्तर विस क्षेत्र कहते हैं कि जब नीचे के अधिकारी सुनवायी नहीं करते, तब राजा के पास जाना पड़ता है। हमने सीएम को जनता से जुड़े कामों के लिए पत्र लिखे। सीएम ने खुद ही इनमें से कई को आईजीआरएस पर दर्ज करवा दिया। ताकि इनकी नियमित मॉनिटरिंग होती रहे। इससे कई काम हुए हैं। वहीं सुरेश श्रीवास्तव, विधायक, लखनऊ पश्चिम विस क्षेत्र का कहना है कि हमने जनता से जुड़ी हुई शिकायतें कीं। सीएम को पत्र लिखे। आईजीआरएस पर कई शिकायतें दर्ज हुईं हैं। राजाजीपुरम में जिन लोगों ने आवासीय में व्यावसायिक निर्माण किया है उनकी बिल्डिंग को रेगुलराइज कराने के लिए लिखा है। कुछ समस्याओं का निस्तारण हुआ है।