केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के फैसले के 50 दिन पूरे होने के साथ ही पुराने नोट जमा करने की अवधि भी समाप्ति हो गई। दस नवंबर से 30 दिसंबर तक जिले के सभी बैंकों में औसतन करीब दस हजार करोड़ के पुराने नोट जमा हुए। इस अवधि में करीब 3500 करोड़ रुपये की नई करेंसी और 500 करोड़ के छोटे नोट और 10 रुपये के सिक्के बांटे गए। सरकार ने आठ नवंबर को 500-1000 के पुराने नोटों को चलन से बाहर करते हुए 10 नवंबर से इसे बदलने और खातों में जमा करने का निर्णय लिया। घोषणा के करीब महीने भर बाद नोट बदलने पर रोक लगाई गई तो बैंकों-डाकघरों में पुराने नोट जमा करने और पैसे निकालने के लिए लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लगने लगीं। हालांकि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो गए।
आरबीआई ने बैंकों-डाकघरों में पड़े पुराने नोट हर हाल में शनिवार तक संबंधित चेस्ट में जमा कराने का निर्देश शुक्रवार को जारी किया है। जिले में अब तक करीब दस अरब रुपये के पुराने नोट बैंक शाखाओं में ही पड़े हैं। बैंक सूत्रों के मुताबिक 30 दिसंबर तक बैंकों-डाकघरों में करीब 50 अरब से अधिक रुपये जमा कराए गए थे।
अब तक महज 40 अरब रुपये ही करेंसी चेस्ट में जमा हो सके हैं। एक बैंक अधिकारी ने आरबीआई की ओर से ई-मेल मिलने की जानकारी देते हुए कहा कि आरबीआई ने शनिवार तक हर हाल में रुपये चेस्ट में जमा कराने को कहा है। साथ ही अगले दिन शाखाओं में पुराने नोट मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।